विश्व जनसंख्या दिवस से एक दिन पूर्व सदर अस्पताल रांची से निकाली गयी जागरूकता रैली
इस वर्ष का थीम
” विकसित भारत की नई पहचान परिवार नियोजन हर दम्पति की शान’’
RANCHI: विश्व जनसंख्या दिवस से एक दिन पूर्व बुधवार को 4:00 बजे अपराहन में सदर अस्पताल रांची में लोगों में जागरूकता हेतु एक रैली का आयोजन किया गया।
रैली में राज्य नोडल पदाधिकारी परिवार कल्याण कोषांग डॉ पुष्पा तथा सिविल सर्जन रांची डॉक्टर प्रभात कुमार ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रैली सदर अस्पताल रांची से मिशन चौक पहुंच कर पुनः सदर अस्पताल पहुंची।
मौके पर राज्य नोडल पदाधिकारी IEC/BCC डॉ लाल मांझी ने भी रैली को संबोधित किया।
डॉक्टर पुष्पा ने कहा कि World Population Day: 11 जुलाई को वर्ल्ड पॉपुलेशन डे यानी विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है।
विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल – यूएनडीपी द्वारा की गई थी।
इस वर्ष का थीम
” विकसित भारत की नई पहचान परिवार नियोजन हर दम्पति की शान’’
विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य उन मुद्दों पर प्रकाश डालना है जो पृथ्वी पर जनसंख्या में निरंतर वृद्धि के साथ उत्पन्न हो सकते हैं।
यह जागरूकता फैलाने के लिए है कि अगर हम पृथ्वी पर बहुत अधिक लोगों का बोझ डालते हैं, तो यह किस प्रकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है।
विश्व जनसंख्या दिवस के दिन परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, मानवाधिकार, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य, और स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाता है।
विश्व जनसंख्या दिवस को 27 जून से 10 जुलाई तक दम्पति सर्म्पक पखवाड़ा तथा 11 जुलाई से 11 अगस्त तक परिवार स्वास्थ्य मेला माह के रूप में मनाया जाएगा।
11 जुलाई का दिन एक विशेष दिन है। जब हम हर वर्ष जनसंख्या स्थिरिकरण और उसके महत्व पर संकल्प लेते हैं।
साथ ही साथ हमारे समाज पर इसके प्रभाव को स्वीकार करने और उस पर खुल कर बात करने का दिन है।
डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि
· सन् 1927 में वैश्विक जनसंख्या दो अरब तक पहुच गई, जो कि मात्र एक शताब्दी के भीतर तीव्र वृद्धि दर्शाती है।
· 1989 में पाँच अरब जनसंख्या दिवस के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या दिवस के रूप में स्थापित किया।
· 2021 तक दुनिया की आबादी करीब 7.9 बिलयन लोग थे, जो कि 70 साल से भी कम समय में आश्चर्यजनक वृद्धि दर्शाता है।
· शहरी करण तेजी से हो रहा है और उम्मीद है कि 2050 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी शहरी होगी। इस तेज शहरी करण के कारण ताजे पानी की आपूर्ति शुद्ध हवा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है।
· विश्व जनसंख्या दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न स्तरों पर जनसंख्या नियंत्रण पर चर्चा होनी चाहिए।
झारखंड राज्य की जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है । जिससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली संसाधनों और बुनियादी ढांचे के लिए चुनौतियाँ विद्दमान है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, हमें परिवार नियोजन वर्ष 2030 के विजन के साथ हमें आगे बढ़ना है।
हमारा लक्ष्य इस प्रगति को और तेज करना है।
यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो, विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में।
बुधवार को मौके पर गुंजन खलखो, राज्य समन्वयक परिवार कल्याण प्रशिक्षण परामर्शी सुचंद्रा पांडा, नवल किशोर समन्वय परिवार कल्याण डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह,
डैम तारा पद क्वेरी डीपीसी प्रीति चौधरी, डीडीएम संजय कुमार तथा अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।