ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ाई करना हुआ महंगा, वीजा के लिए करना होगा दोगुना खर्च

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सिडनी । ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ाई करना चाह रहे हैं, तो जरा ठहरिए। क्योंकि अब ये उतना आसान नहीं रहा जितना हुआ करता था। यहां छात्र वीजा के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। छात्रों को पढ़ाई के लिए अब खर्च ज्यादा करना होगा। दरअसल, यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा शुल्क को दोगुने से भी अधिक कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यह कदम रिकॉर्ड प्रवासन पर लगाम लगाने के लिए उठाया है।

यह किया बदलाव
अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क एक जुलाई से बढ़ गया है। अब यह शुल्क 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी 39,493.11 रुपये से बढ़कर 1600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी 88,998.56 रुपये हो गया है। वहीं विजिटर वीजा वाले और अस्थायी स्नातक वीजा वाले छात्र अब छात्र वीजा के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। आवेदन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

आज से होगा लागू
गृह मंत्री क्लेयर ओ नील ने कहा, ‘आज से लागू होने वाले बदलावों से हमारी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की अखंडता को बहाल करने में मदद मिलेगी। साथ ही एक प्रवासन प्रणाली तैयार होगी जो निष्पक्ष, छोटी और ऑस्ट्रेलिया के लिए बेहतर है।’

मार्च में जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि 30 सितंबर, 2023 तक आव्रजन 60 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 548,800 हो गया है। वीजा शुल्क में वृद्धि किए जाने की वजह से अब ऑस्ट्रेलिया में छात्र वीजा के लिए आवेदन करना अमेरिका और कनाडा की तुलना में कहीं अधिक मंहगा हो गया है।

अमेरिका से भी महंगा
शुल्क में वृद्धि के कारण ऑस्ट्रेलिया के लिए छात्र वीज़ा के लिए आवेदन करना, अमेरिका और कनाडा जैसे प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में कहीं अधिक महंगा हो गया है। अमेरिका में जहां इसके लिए 185 अमेरिकी डॉलर यानी 15,440.14 रुपये देने होते हैं। वहीं कनाडा में 150 कनाडाई डॉलर यानी 9,156.36 रुपये का शुल्क देना पड़ता है।

सरकार ने कहा कि वह वीजा नियमों में खामियों को भी दूर कर रही है, जो विदेशी छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रवास को लगातार बढ़ाने की अनुमति देते हैं, क्योंकि 2022-23 में दूसरे या बाद के छात्र वीजा पर छात्रों की संख्या 30 फीसदी से अधिक बढ़कर 150,000 से अधिक हो गई है।

नया कदम पिछले वर्ष के अंत से छात्र वीजा नियमों को कड़ा करने के लिए की गई कार्रवाइयों के बाद उठाया गया है, क्योंकि 2022 में कोविड-19 प्रतिबंधों के हटने से वार्षिक प्रवासन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

थोड़े दिन पहले भी किया था बदलाव
इंग्लिश टेस्ट स्कोर: टेम्पररी ग्रेजुएट वीजा के लिए आवश्यक आईईएलटीएस स्कोर 6.0 से बढ़ाकर 6.5 कर दिया गया है। वहीं, रेगुलर स्टूडेंट वीजा के लिए यह स्कोर 5.5 से 6.0 हो गया है। साथ ही, अंग्रेजी भाषा परीक्षा की वैधता अवधि घटाकर एक साल कर दी गई है।

Genuine Student Test: अब सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को वीजा के लिए आवेदन करते समय एक नया “जेनुइन स्टूडेंट टेस्ट” देना होगा। यह टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने की उनकी मंशा का आंकलन करेगा।

ज्यादा जांच-पड़ताल: हाई रिस्क वाले आवेदनों की गहन जांच की जाएगी।

ज्यादा सेविंग बैलेंस: छात्र वीजा के लिए योग्य होने के लिए आवश्यक बचत राशि बढ़ाकर लगभग $24,500 (करीब 20 लाख रुपये) कर दी गई है।

देश की मजबूत स्थिति खतरे में पड़ जाएगी
ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटीज के सीईओ ल्यूक शीही ने कहा कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र पर लगातार नीतिगत दबाव डालने से देश की मजबूत स्थिति खतरे में पड़ जाएगी। यह हमारी अर्थव्यवस्था या हमारे विश्वविद्यालयों के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि दोनों ही अंतरराष्ट्रीय छात्र शुल्क पर बहुत अधिक निर्भर हैं।

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