श्रीहरिकोटा में अग्निबाण रॉकेट का सफल लॉन्च, भारतीय स्पेस मिशन ने रचा इतिहास
श्रीहरिकोटा. भारतीय स्पेस मिशन ने गुरुवार को इतिहास रचा है. चेन्नई स्थित स्पेस स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस ने श्रीहरिकोटा स्थित अपने लॉन्च पैड से स्वनिर्मित 3डी-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट अग्निबाण का सफल परीक्षण कर दिखाया है. अब ऐसा करने वाला भारत की दूसरी प्राइवेट इकाई बन गया. बता दें, चार असफल प्रयासों के बाद भी हार नहीं मानते हुए आखिरकार गुरुवार को परीक्षण बिना किसी लाइव-स्ट्रीमिंग के किया गया. इस दौरान इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर में स्थित श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड पर बहुत कम लोगों की उपस्थिति रही.
इसरो ने अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई दी है. इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, अग्निबाण मिशन के लॉन्च पैड से सफल प्रक्षेपण के लिए अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई. यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग के जरिए से पहली बार सेमी-क्रायोजेनिक लिक्विड इंजन का कंट्रोल्ड परीक्षण संभव हुआ है.’
इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर के अध्यक्ष पवन गोयनका ने एक्स पर शेयर करते हुए कहा, अग्निकुल कॉसमॉस की ओर से अग्निबाण के सफल प्रक्षेपण से बहुत खुश हूं. ये भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण है. ये उपलब्धि हमारे युवा इनोवेटर्स की प्रतिभा को दर्शाती है. 22 मार्च के बाद से अग्निकुल की ओर से अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (एसओआरटीईडी) को लॉन्च करने के लिए ये पांचवां प्रयास किया गया, जिसमें सफलता हाथ लग गई.
कंपनी का कहना है कि अग्निबाण एक कॉस्टोमिसेबल, टू-स्टेज लॉन्च रॉकेट है. ये 300 किलोग्राम तक का पेलोड लगभग 700 किलोमीटर की ऑर्बिट में ले जा सकता है. ये रॉकेट लिक्विड और गैस प्रणोदकों के मिश्रण के साथ एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल करता है. ये एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे इसरो ने अभी तक अपने किसी भी रॉकेट में इस्तेमाल नहीं किया है.
मिशन एक सिंगल-स्टेज लॉन्च रॉकेट डेमोनस्ट्रेशन है. इसे एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन अग्निलेट से ऑपरेट किया जाएगा. अग्निलेट स्वदेशी रूप से विकसित एक सब-कूल्ड लिक्विड ऑक्सीजन-आधारित प्रोपल्शन सिस्टम है. स्टार्ट-अप ने व्हीकल को पहली बार ईथरनेट-आधारित एवियोनिक्स आर्किटेक्चर और इन-हाउस डेवलप्ड ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर के साथ तैयार किया है. सब-कूल्ड लिक्विड ऑक्सीजन और एविएशन टर्बाइन फ्यूल से संचालित व्हीकल में पैसिव कंट्रोल देने के लिए चार कार्बन कम्पोजिट फिंस लगाए गए हैं. अग्निलेट इंजन दुनिया का पहला सिंगल-पीस 3डी-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है. ये मिशन लॉन्च से लेकर स्प्लेशडाउन यानी वापस आने तक सिर्फ दो मिनट का समय लेगा.