उत्तराखंड की सुरम्य वादियों सहित धार्मिक स्थलों के दर्शन कराएगी मानसखंड एक्सप्रेस

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देहरादून । देवभूमि उत्तराखंड आस्था के साथ तीर्थाटन-पर्यटन और आर्थिकी का आधार है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) और उत्तराखंड सरकार के प्रयास से केदारखंड के बाद मानसखंड श्रृंखला में कुमाऊं की ऐतिहासिक धरोहरों को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी। इससे धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ उत्तराखंड की आर्थिकी भी उड़ान भरेगी। साथ ही पर्यटकों को उत्तराखंड के नए दर्शनीय स्थल भी दिखने को मिलेंगे।

देवभूमि उत्तराखंड की सुरम्य वादियों की सैर सहित धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए रेलवे ने मानसखंड एक्सप्रेस (भारत गौरव ट्रेन) का संचालन प्रारंभ किया है। इसके जरिए घरेलू पर्यटकों के साथ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से अवगत कराया जाएगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की यह अनूठी पहल भारत में अपनी तरह का प्रथम प्रयास है। इसमें पर्यटक ट्रेन के माध्यम से अल्पज्ञात स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

22 मई को पुणे से अगली यात्रा की तैयारी
उत्तराखंड टूरिज्म के मुताबिक प्राचीन भारतीय ग्रंथों के अनुसार उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र को मानसखंड के नाम से जाना जाता है। इसमें कई मंदिर, हेरिटेज स्थल शामिल हैं जबकि कुछ ऐसे स्थल हैं, जिनके बारे में कई टूरिस्ट को काफी कम जानकारी है। टूरिस्ट को इनकी जानकारी देने के लिए मानसखंड एक्सप्रेस विशेष ट्रेन की शुरुआत की गई है। पहली यात्रा 22 अप्रैल को शुरू हुई थी। पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने पुणे से अगली यात्रा 22 मई को संचालित करने की योजना बनाई है।

ट्रेन में क्या-क्या है सुविधाएं, कैसे कराएं टिकट बुक
भारत गौरव ट्रेन के विशेष एलएचबी रैक में आरामदायक रेल यात्रा, ऑन-बोर्ड और ऑफ-बोर्ड भोजन, सड़क परिवहन और गुणवत्तायुक्त बसों में दर्शनीय स्थलों की यात्रा, यात्रा कार्यक्रम के अनुसार आवास की व्यवस्था, यात्रा में टूर एस्कॉर्ट्स, यात्रा बीमा, ऑन-बोर्ड सुरक्षा और हाउस कीपिंग की सेवा शामिल है। इस स्पेशल ट्रेन से यात्रा के लिए पर्यटक इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट www.irctctourism.com/bhartgaurav पर ऑनलाइन व अधिकृत एजेंट से बुकिंग करा सकते हैं।

पहली बार 280 पर्यटकों को पुणे से उत्तराखंड लेकर आई थी मानसखंड एक्सप्रेस
ट्रेन की पहली यात्रा 22 अप्रैल को पुणे से 280 पर्यटकों के साथ शुरू हुई थी, जो 24 अप्रैल को उत्तराखंड के टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। पर्यटकों का स्वागत पारंपरिक तरीके से आरती, टीका लगाकर और फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा करके किया गया। इस टूर को लेकर पर्यटक काफी उत्साहित थे कि उन्हें उत्तराखंड के कुछ नए दर्शनीय स्थल देखने को मिलेंगे। 10 रात और 11 दिन की यात्रा में नैनीताल, भीमताल, अल्मोडा, चौकोरी, पूर्णागिरि मंदिर, हाट कालिका मंदिर, सूर्य मन्दिर कटारमल, कैंची धाम, चितई गोलू देवता, जागेश्वर धाम, शारदा घाट, पाताल भुवनेश्वर मंदिर, नानकमत्ता गुरुद्वारा चंपावत आदि विभिन्न स्थानों की यात्रा शामिल है।

उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक, सांस्कृतिक, स्थापत्य और आध्यात्मिक विरासत की झलक
ट्रेन का सफर 3एसी होगा। हालांकि, पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने के लिए ट्रेन के एक कोच में केवल चार ही बर्थ बुक की गई हैं। ट्रेन के बाहर उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक, सांस्कृतिक, स्थापत्य और आध्यात्मिक विरासत प्रदर्शित की गई है। पैंट्री कार कोच में उत्तराखंड के विभिन्न व्यंजनों को दर्शाया गया है। एक कोच में विभिन्न लोक त्योहारों को दर्शाया गया है। दूसरे कोच पर राज्य के विभिन्न परिधान पहने हुए लोग हैं। डिब्बों पर विभिन्न मंदिरों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को भी दर्शाया गया है।

उत्तराखंडी व्यंजन सहित विभिन्न व्यंजन का लुत्फ उठाएंगे पर्यटक
ट्रेन में एक वातानुकूलित पैंट्री कार है, जो यात्रा के दौरान पर्यटकों को उत्तराखंडी व्यंजनों सहित विभिन्न व्यंजन परोसेगी। टनकपुर उतरने के बाद पर्यटकों को विभिन्न गंतव्यों पर ले जाया जाएगा, जहां वे होटल होमस्टे में रुकेंगे।

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