पुतिन के गुरु का बडा बयान, कहा- तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है भारत

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नई दिल्‍ली । भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में विदेशी मंच पर भारत को लेकर बड़ी बात कही गई है. दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सबसे करीबियों में से एक अलेक्जेंडर दुगिन (Aleksandr Dugin) ने भारत की अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार को लेकर खुशी जताई है.

उनका मानना है कि भारत नए वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है. दुगिन ने इसको लेकर एक लेख लिखा. लेख के मुताबिक, आज पूरी दुनिया में भारतीय लोग बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों को भारतीय मूल के ही संभाल रहे हैं, ये दर्शाता है कि भारत आगे चलकर तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है.

बीजेपी और कांग्रेस को लेकर की ये बात
उन्होंने अपने लेख में कहा, 2023 में 8.4% जीडीपी की वृद्धि के साथ भारत वर्तमान में विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का अनुमान है. वहीं, भारतीय मूल के लोग पूरी दुनिया में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. ऋषि सुनक और विवेक रामास्वामी जैसे व्यक्ति ब्रिटेन और अमेरिका की राजनीति में भी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. वहीं, बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों में भी टॉप मैनेजमेंट में भारतीय ही बैठे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के बारे में भी लिखा. बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने पर कांग्रेस प्रभुत्व को समाप्त कर दिया. उन्होंने बीजेपी को दक्षिणपंथी और कांग्रेस को वामपंथी झुकाव वाली पार्टी कहा. उन्होंने लिखा, यह वामपंथी झुकाव से दक्षिणपंथी-रूढ़िवादी शासन में बदलाव को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री की नीतियों की तारीफ की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आधिकारिक नाम बदलकर ‘भारत’ कर दिया गया, जो एक रूढ़िवादी और पारंपरिक विचारधारा की ओर एक कदम का संकेत है. मोदी का प्रशासन भारत को एक वैदिक सभ्यता के रूप में बढ़ावा दे रहा है. अमेरिका और इजरायल के साथ अच्छे संबंध के बावजूद भारत को चीन के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, भारत ने इस्लामी दुनिया के साथ संबंधों को मजबूत किया है. अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस जैसी शख्सियतों ने मोदी की नीतियों का विरोध किया है, जिससे भारत के भीतर सामाजिक और जातीय तनाव भड़क गया है. उन्होंने भारत और चीन दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की वकालत की है. लेख में कहा, रूस-भारत में आ रहे बदलावों को देख रहा है.

दुगिन को क्यों कहा जाता है पुतिन का ब्रेन?
अलेक्जेंडर दुगिन पेशे से रूसी राजनीतिक दार्शनिक, विश्लेषक और रणनीतिकार हैं. उनकी विचारधारा फासीवादी बताई जाती है और वह खुद को रूढ़िवादी कहते हैं. पश्चिम के कुछ देश उन्हें पुतिन का दिमाग कहते हैं. इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के लिए दुगिन ने ही वैचारिक आधार तैयार किया है. वह युक्रेन को पूरी तरह से रूसी प्रशासनिक सेक्टर बनाने की वकालत कर चुके हैं, जिसको उन्होंने नाम दिया था नोवोरोसिया.कई लोग मानते हैं कि रूसी सरकार के भीतर दुगिन के प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, जो कि उनके काम और रूसी विदेश नीति के बीच संबंधों की छाप है।

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