बाबर आजम ने टी20 क्रिकेट में बनाया बड़ा रिकॉर्ड, विराट कोहली-क्रिस गेल और वार्नर को छोड़ा पीछे

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नई दिल्‍ली । पाकिस्तान में जारी पाकिस्तान सुपर लीग 2024 (पीएसएल 2024) में बाबर आजम का बल्ला जमकर गरज रहा है। पेशावर जाल्मी के कप्तान ने टी20 क्रिकेट में इतिहास रच दिया है। उन्होंने लीग के छठे मुकाबले में एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसने क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है।

बाबर टी20 क्रिकेट में सबसे तेज 10 हजार रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। इस मामले में उन्होंने क्रिस गेल और विराट कोहली जैसे दिग्गज बल्लेबाजों को पीछे छोड़ दिया है।

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान बाबर आजम ने टी20 क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे कर लिए हैं। इस उपलब्धि को हासिल करने वाले वह 13वें बल्लेबाज बन गए हैं। दिलचस्प बात ये है कि बाबर ने ये मुकाम 271 पारियों में हासिल किया है। इस मामले में उन्होंने भारतीय टीम के धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया है। किंग कोहली ने टी20 क्रिकेट की 299 पारियों में 10 हजार रन पूरे किए।

क्रिस गेल को पीछे छोड़ शीर्ष पर पहुंचे बाबर

बाबर से पहले इस मामले में शीर्ष पर वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल थे। उन्होंने 285 पारियों में 10 हजार रन पूरे किए। हालांकि, अब बाबर ने उन्हें पछाड़ दिया है। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर डेविड वॉर्नर का नाम शामिल है जिन्होंने 27 पारियों में ये मुकाम हासिल किया। आरोन फिंच भी 327 पारियों में सबसे तेज 10 हजार रन बनाने वाले बने। वहीं, जोस बटलर ने 350 पारियों में टी20 क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे किए थे।

टी20 क्रिकेट में सबसे तेज 10000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज

271 पारियां- बाबर आजम
285 पारियां- क्रिस गेल
299 पारियां- विराट कोहली
327 पारियां- डेविड वॉर्नर
327 पारियां- एरोन फिंच
350 पारियां- जोस बटलर

बाबर आजम का करियर

पाकिस्तान के लिए बाबर आजम ने 52 टेस्ट मैचों में 45.85 के औसत से 3898 रन बनाए। इस फॉर्मेट में उनके नाम नौ शतक और 26 अर्धशतक दर्ज हैं। वहीं 117 वनडे मुकाबलों में पूर्व कप्तान ने 19 शतक और 32 अर्धशतक की मदद से 5729 रन बनाए। इसके अलावा 103 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके बल्लेबाज के नाम 3698 रन दर्ज हैं। इस प्रारुप में उन्होंने तीन शतक और 33 अर्धशतक लगाए हैं। वनडे विश्व कप 2023 में बाबर आजम के नेतृत्व में पाकिस्तान की टीम को करारी शिकस्त मिली थी। भारत की मेजबानी में खेले गए इस टूर्नामेंट में टीम को नौ में से सिर्फ चार मैचों में जीत मिली थी। टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था।

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