जब UAE प्रिंस की इस बात ने जीत लिया PM मोदी का दिल, ” जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे मैं दे दूंगा”

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संयुक्त अरब इमारात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अबू धाबी में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। अबू धाबी के जायद स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रधानमंत्री ने ‘अहलन मोदी’ (हेलो मोदी) कार्यक्रम में शामिल हुए भारतवंशी लोगों का अभिवादन ‘नमस्कार’ कहकर किया।

इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारत- यूएई की मजबूत साझेदारी का जिक्र किया। अपने भाषण की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने भारत और यूएई के बीच संबंधों की जमकर तारीफ की। उन्होंने भारत यूएई संबंध जिंदाबाद के नारे भी लगवाए। उन्होंने कहा कि आज की यादें जीवन भर मेरे साथ भी रहने वाली हैं। मैं आपके लिए भारत की मिट्टी की खुशबू लेकर आया हूं। इस कार्यक्रम का आयोजन अबू धाबी के जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज में अपने परिवारजनों से मिलने के लिए यूएई आया हूं। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के लिए यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का आभार भी जताया। पीएम मोदी ने क्राउन प्रिंस की दिलदारी का सुनाया किस्साइसी बीच पीएम मोदी अबू धाबी में बनकर तैयार हुए हिंदू मंदिर को लेकर एक दिलचस्प किस्सा लोगों के साथ साझा किया। अपने 2015 की अपनी यूएई यात्रा को भी याद किया। उन्होंने कहा कि तब मुझे केंद्र सरकार में आए ज्यादा समय नहीं हुआ था। डिप्लोमेसी की दुनिया भी मेरे लिए नई थी। तब एयरपोर्ट पर मेरा स्वागत करने के लिए तब के क्राउन प्रिंस और आज के राष्ट्रपति अपने पांच भाईयों के साथ आए थे। वो गर्मजोशी उनकी आंखों में वो चमक मैं कभी नहीं भूल सकता। उस पहली मुलाकात में मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी करीबी के घर आया हूं। वो भी एक परिवार की तरह मेरा सत्कार कर रहे थे। लेकिन, वो सत्कार सिर्फ मेरा नहीं था, वो स्वागत 140 करोड़ भारतीयों का था। वो सत्कार यूएई में रहने वाले प्रत्येक भारतीय का था।

जब साल 2015 में उनके सामने आप सब की ओर से यहां अबू धाबी में मंदिर का प्रस्ताव रखा तो वो तुरंत एक पल भी गंवाए बिना उन्होंने हां कर दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिस जमीन पर लकीर खींच लेंगे… मैं दे दूंगा। अब अबू धाबी में इस भव्य-दिव्य मंदिर के लोकार्पण का समय आ गया है।

पीएम मोदी ने आगे कहा,”जब साल 2015 में मैंने यूएई के क्राउन प्रिंस नाहयान के सामने आप सबकी ओर से यहां अबू धाबी में मंदिर का प्रस्ताव रखा था, तो उन्होंने तुरंत बिना एक पल गंवाए हां कर दी थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे, मैं दे दूंगा। अब अबू धाबी में इस भव्य-दिव्य मंदिर के लोकार्पण का समय आ गया है।”जब पीएम मोदी ने अरबी में लोगों से किया संवाद दोनों देशों के बीच प्राचीन समुदाय और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए मोदी ने अरबी में भी कुछ पंक्तियां बोलीं, जिसका बाद में उन्होंने अनुवाद किया कि कैसे भारत और यूएई दोनों ‘दुनिया की किताब’ पर ‘वक्त की कलम’ से बेहतर भविष्य की पटकथा लिख रहे हैं। फिर उन्होंने कहा कि इनमें से कई अरबी शब्द भारत में आम तौर पर बोले जाते हैं। मोदी ने यहां भारतीय समुदाय से कहा कि भारत को उन पर गर्व है और यह दोनों देशों के बीच दोस्ती की सराहना करने का समय है। मोदी ने उपस्थित लोगों से कहा, ”इतनी बड़ी संख्या में यहां आकर आपने इतिहास रचा है। आप यूएई के विभिन्न हिस्सों और भारत के विभिन्न राज्यों से आए होंगे, लेकिन सभी के दिल जुड़े हुए हैं।”

हमने यूएई के राष्ट्रपति को भारत बुलाकर आभार जताया मोदी ने कहा यह यूएई की मेरी सातवीं यात्रा है। भाई शेख मोहम्मद बिन जायद आज भी मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए थे। उनकी आज भी वही गर्मजोशी थी, वही अपनापन था और यही बात हमें खास बना देती है। मुझे खुशी है कि हमें भी चार बार उनका स्वागत करने का अवसर मिला है। कुछ दिन पहले ही वो गुजरात आए थे। तब वहां लाखों लोग उनका आभार व्यक्त करने के लिए सड़क के दोनों तरफ जमा हो गए थे। आप जानते हैं कि आभार किस लिए? आभार इसलिए, क्योंकि वह यूएई में आप सभी का जिस तरह ध्यान रख रहे हैं, वो जिस तरह आपके हितों की चिंता करते हैं, वैसा कम ही देखने को मिलता है।

इस कारण उनका धन्यवाद व्यक्त करने लिए उत्साह में लोग अपने घरों से निकल आए। यूएई में रहने वाले भारतीयों की तारीफ कीसाथियों, यूएई ने मुझे अपने सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया है। यह सभी भारतीयों का सम्मान है। मैं जब भी अपने भाई शेख मोहम्मद बिन जायद से मिलता हूं तो वो आप सब की बहुत प्रशंशा करते हैं। वह यूएई के विकास में आपकी भूमिका की प्रशंसा करते हैं। इस जायद स्टेडियम में भी आपके पसीने की महक आ रही है। उन्होंने अपने दिल में भारतीयों को जगह दी है। समय के साथ यह रिश्ता दिनोंदिन और मजबूत होता जा रहा है। इसमें भी शेख मोहम्मद बिन जायद की भूमिका है।

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