भारत से फिलिपींस की करीबी देखं चीन को हुआ टेंशन, ब्रह्मोस मिसाइल के बाद हो सकती है एक और बड़ी डील
नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर में फिलिपींस और चीन की दुश्मनी है। वहीं फिलिपींस हमारा दोस्त देश है। हमारे देश की खतरनाक ब्रह्मोस मिसाइल का फिलिपींस मुरीद है। ब्रह्मोस मिसाइल की डील पहले ही हो चुकी है। अब इससे भी एक कदम आगे फिलिपींस भारत से और बड़ी रक्षा डील करना चाहता है। ब्रह्मोस मिसाइल फिलिपींस को मिलने के बाद चीन के पहले से ही होश उड़े हुए हैं। अब बड़ी रक्षा डील से चीन भी टेंशन में आ जाएगा।
भारत और फिलीपींस अपने द्विपक्षीय सहयोग को और भी मजबूत करने वाले हैं। भारत मनीला हवाई अड्डे के प्रमुख पुनर्विकास परियोजना के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के करीब पहुंच गया है। हाल के महीनों में रक्षा पर दोनों देशों ने सहयोग पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया है। ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल की डील उनकी बढ़ती साझेदारी को दिखाती है, जो चीन के लिए टेंशन है। चीन के साथ बढ़ते तनाव के चलते फिलीपींस ने ब्रह्मोस खरीदा था। फिलीपींस में निनॉय एक्विनो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (NAIA) बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान में यह दुनिया के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले एयरपोर्ट में से एक है।
अपने डिफेंस को और मजबूत करना चाहता है फिलिपींस
फिलीपींस उड़ान देरी को कम करने, भीड़भाड़ की समस्या से छुटकारा पाने और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए इसका अपग्रेड करना चाहता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलीपींस इसके डेवलपमेंट के लिए कॉन्ट्रैक्ट देने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत का जीएमआर ग्रुप चार प्राइवेट बोलीदाताओं में सबसे आगे है। अगस्त 2023 में फिलीपींस ने NAIA के परिचालन मुद्दों को हल करने के लिए 3 बिलियन डॉलर के पुनर्विकास परियोजना के लिए बोली शुरू की।
वार्षिक यात्री क्षमता बढ़ाना है लक्ष्य
यह एयरपोर्ट क्षमता से 50 फीसदी ज्यादा पर संचालित हो रहा है। इसे विस्तार करने के दो असफल प्रयास का पहले सामना करना पड़ा था। मनीला एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में वार्षिक यात्री क्षमता को लगभग दोगुना कर 62 मिलियन पहुंचाना है। इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे चार अंतरराष्ट्रीय संघों में से तीन शॉर्टलिस्ट किए गए हैं।
दुश्मनों का काल है ब्रह्मोस मिसाइल
इससे पहले दक्षिण चीन सागर में चीन की अकड़ ढीली करने के लिए फिलिपींस और भारत में ब्रह्मोस की डील हो चुकी है। ब्रह्मोस दुश्मनों का काल है। यही कारण है कि खुद भारतीय सेनाएं चीन से निपटने के लिए ब्रह्मोस का जखीरा जमा कर रही हैं। फिलीपींस ने दो साल पहले भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का समझौता किया था। इसके तहत भारत को फिलीपींस से 37 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि मिलेगी। भारत फिलीपींस को 3 बैटार एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल देने जा रहा है। इसे हवा, जमीन और पानी से दागा जा सकता है।
चीन और फिलीपींस में बढ़ रही तनातनी
भारत और फिलीपीन्स दोनों ही चीन की बढ़ती आक्रामकता से जूझ रहे हैं। फिलीपींस अमेरिका का सबसे पुराना सहयोगी है और दोनों के बीच समझौता भी हुआ है। भारत और अमेरिका दोनों को चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और दक्षिण चीन सागर में विवादित इलाकों पर दबाव बनाने की वजह से चिंता है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद खुद को मजबूत करना चाहता है। ऐसे में करीब 400 किमी तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें फिलीपींस को अपने समुद्री क्षेत्र की रक्षा करने में मदद करेंगी।