PM मोदी ने चरणामृत से ही क्यों खोला उपवास, पहले दिया जाना था शहद नींबू पानी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)ने सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ram Mandir Pran Pratistha Ceremony)के दौरान 11 दिनों का उपवास खत्म (fasting is over)किया था। अब इस व्रत को लेकर मंदिर कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी ने खुद ही उपवास खत्म करने के लिए ‘चरणामृत’ की मांग की थी। हाल ही में कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने पीएम मोदी के उपवास को लेकर कहा कि ‘मुझे शक है कि’ उन्होंने ऐसा किया है।
पीएम ने ही चरणामृत की मांग की
स्वामि गिरि ने मंदिर समारोह के दौरान हुआ अनुभव साझा किया है। उन्होंने बताया, ‘मुझे उस समय मां जैसे प्रेम का एहसास हुआ कि जैसे मैं इसे अपने बेटे को दे रहा हूं और वह अपना उपवास खत्म कर रहा है।’ उन्होंने जानकारी दी कि मंदिर में पहले शहद मिला नींबू पानी दिए जाने की तैयारी थी, लेकिन पीएम ने ही चरणामृत की मांग की थी।
उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पीएम की तरफ से व्यक्तिगत स्तर पर की गई तैयारियों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें तीन दिनों का उपवास करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने 11 दिनों का उपोषण किया। खुद ही वह धर्मपरायणता हासिल करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर गए।’
कांग्रेस ने उठा दिए सवाल
मंगलवार को मोइली ने पीएम मोदी के उपवास को लेकर कहा, ‘मैं जब अपने डॉक्टर के साथ मॉर्निंग वॉक पर था, तब उन्होंने मुझे बताया कि एक इंसान (11 दिनों का उपवास कर) जिंदा नहीं रह सकता। अगर वह जिंदा हैं, तो यह चमत्कार है? इसलिए मुझे शक है कि उन्होंने ऐसा किया है।’
इसपर कर्नाटक में भाजपा सांसद लहार सिंह सिरोय ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ‘महान लेखक का मुखौटा पहनकर घूमने वाले वीरप्पा मोइली को लगता है कि सभी उनकी तरह झूठे हैं। मोइली ने अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी जी के उपवास पर शक किया है।’
सिरोय ने कहा, ‘अगर आपको राम में श्रद्धा है, तो आप उपवास कर सकते हैं और जीवित भी रह सकते हैं। अगर आप गांधी परिवार को खुश कर रहे हैं, तो ऐसा नहीं सकता। परिवार को खुश करने इन कोशिशों के बाद भी मोइली को चिकबल्लापुर से कांग्रेस का टिकट नहीं मिलेगा।