अगले 3 सालों में नक्सलवाद पूरी तरह ख़त्म हो जाएगा..’, SSB के स्थापना दिवस पर जवानों के बीच पहुंचे अमित शाह

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गुवाहाटी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज शनिवार (20 जनवरी) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश अगले तीन साल में नक्सलवाद की समस्या से शत-प्रतिशत मुक्त हो जाएगा। शाह ने शनिवार को असम के तेजपुर में सशस्त्र सीमा बल (SSB) के 60वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगले तीन वर्षों में देश नक्सलवाद की समस्या से पूरी तरह छुटकारा पा लेगा।

आतंकवाद को खत्म करने में एसएसबी की भूमिका

नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में SSB की बहादुरी की सराहना करते हुए अमित शाह ने कहा कि CRPF और BSF के साथ मिलकर एसएसबी ने नक्सली आंदोलन को खत्म कर दिया है। शाह ने कहा कि, “मित्र देशों नेपाल और भूटान की सीमा की रक्षा करने के साथ-साथ एसएसबी ने छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। जब भी मैं इन क्षेत्रों में नक्सली अभियानों की समीक्षा पर गया हूं, मैंने आपकी बहादुरी के बारे में सुना है।” जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में एसएसबी की भूमिका पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में एसएसबी ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के साथ मिलकर आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि आज सशस्त्र सीमा बल के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने एक डाक टिकट भी जारी किया। यह एसएसबी की कर्तव्य निष्ठा को देश के लोगों के सामने सदैव जीवित रखेगा।

अजल जी ने ही ‘वन बॉर्डर वन फोर्स’ की नीति लागू की

शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) समेत सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य संगठनों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। शाह ने कहा कि, “पिछले नौ वर्षों में, प्रधान मंत्री मोदी ने सभी सीएपीएफ के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं, चाहे वह सीआरपीएफ हो या एसएसबी जैसे सीमा पर तैनात सभी संगठन हों।” एसएसबी के इतिहास के बारे में बोलते हुए, शाह ने कहा कि, “एसएसबी का हमारे देश की सेवा और सुरक्षा में लगे रहने का एक समृद्ध इतिहास है। भारत-चीन युद्ध के बाद, एसएसबी की स्थापना 1963 में और अटल जी (पूर्व प्रधान मंत्री) के बाद की गई थी, अजल जी ने ही ‘वन बॉर्डर वन फोर्स’ की नीति लागू की, एसएसबी 2001 से भारत-नेपाल सीमा और 2004 से भारत-भूटान सीमा की कर्तव्यनिष्ठा से रक्षा कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ तेजपुर में एसएसबी परिसर में सशस्त्र सीमा बल के 60वें स्थापना दिवस में भाग लिया।

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