दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट को लेकर, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस में मचा घमासान
मुबंई। पश्चिम बंगाल के बाद महाराष्ट्र में भी सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन के अंदर उठापटक जारी है। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में इंडी एलायंस की दो प्रमुख पार्टियां उद्धव गुट की शिवसेना और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर घमासान मचा हुआ है। दोनों पार्टियों के बीच की कलह किसी सुलह पर जल्द पहुंचती नजर नहीं आ रही। वैसे तो विवाद कई सीटों को लेकर है लेकिन ताज़ा मसला दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट को लेकर है।
इस सीट पर कांग्रेस की ओर से पूर्व यूनियन मिनिस्टर मिलिंद देवड़ा तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं और उनसे पहले कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत मुरली देवड़ा चार बार सांसद रह चुके है। एक तरफ जहां इस सीट पर देवड़ा परिवार का कोई न कोई सदस्य पिछले 5 दशक से चुनाव लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर शिवसेना उद्धव गुट से अरविंद सावंत लगातार दो बार सांसद चुनकर आए हैं। ऐसे में इस सीट से दोनों ही पार्टी अपने अपने उम्मीदवार को चुनाव में उतारना चाहती हैं।
उद्धव ठाकरे से मोल-तोल नहीं कर पा रहा कांग्रेस नेतृत्व
सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस का कैडर पार्टी से बेहद नाराज है कि उनकी पार्टी का नेतृत्व उद्धव ठाकरे से मजबूती से मोल तोल नहीं कर पा रहा। मिलिंद देवरा के करीबी बताते हैं कि 2019 के चुनाव के बाद सत्ता बनाने का गणित अलग था क्योंकि वो पोस्ट पोल एलायंस था जबकि इस बार ये चुनाव से पहले का गठबंधन है और अब उद्धव की सेना भी वो शिवसेना नहीं रही जो 2019 के चुनावों में थी। 2014 और 2019 दोनों ही चुनावों में उद्धव गुट के उम्मीदवार अरविंद सावंत को मोदी लहर का फायदा पहुंचा जबकि अब उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ नहीं है ऐसे में अरविंद सावंत का दोबारा जीतकर आना मुश्किल होगा। वहीं सावंत खेमा, अपने नेता की हैट्रिक को लेकर आश्वस्त है। उन्हे यकीन है कि उद्धव ठाकरे शायद कांग्रेस आला कमान को मनाने में कामयाब हो सकते हैं।
मिलिंद देवड़ा चल रहे नाराज
इन सब के बीच राजनैतिक गलियारों में कांग्रेसी नेता मिलिंद देवड़ा की उनकी पार्टी से नाराजगी की चर्चा तेज है। हालांकि, उन्होंने अब तक पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन पार्टी ने अगर कोई मजबूत स्टैंड नहीं लिया तो कांग्रेस को मुंबई में बड़ा झटका लग सकता है। मिलिंद देवड़ा के सत्ता पक्ष में जाने या निष्पक्ष चुनाव लडने की अटकलें भी तेज हैं। सूत्रों का दावा है कि मिलिंद लगातार अपने समर्थकों से मुलाकात कर रहे हैं और किसी एक निर्णय तक पहुंचने में समर्थकों की सलाह लेते नजर आ रहे हैं। ऐसे में इंडी एलायंस के इन दो प्लेयर उद्धव गुट की शिवसेना और कांग्रेस के बीच इस राजनैतिक मैच का नतीजा रोमांचक हो सकता है।