राजस्थान में करणपुर चुनाव में भाजपा के मंत्री हारे, कांग्रेस जीती
जयपुर। राजस्थान में भजनलाल सरकार को जोर का झटका लगा है। सरकार बनने के एक महीने बाद ही भारतीय जनता पार्टी को करणपुर विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। ये सीट कांग्रेस ने जीत ली है। कांग्रेस के प्रत्याशी रुपिंदर सिंह ने कुल 54120 वोट हासिल किए। इससे भाजपा को किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं। भाजपा ने करणपुर से प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बना दिया था, लेकिन अब चुनाव में हार के बाद उन्हें यह पद छोड़ना होगा। नियम के मुताबिक, किसी ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाया जा सकता है जो विधानसभा का सदस्य ना हो, लेकिन छह महीने के भीतर चुनाव जीतकर विधायक बनना आवश्यक है।
कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह को 60407 वोट से जीत मिली। रुपिंदर सिंह ने कुल 54120 वोट हासिल किए तो भाजपा के सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को 47713 वोट मिले। भाजपा और कांग्रेस की सीधी टक्कर में अन्य सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 3 दिसंबर को 199 सीटों पर वोटों की गिनती में बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के लिए यह पहली परीक्षा थी। 5 जनवरी को करणपुर में हुए मतदान में कुल 81.38 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। राजस्थान में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ, जिसका परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किया गया। परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 115 और कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं। करणपुर में जीत के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है।
करणपुर गंगानगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। यहां भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस ने कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर को बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल कर लिया था।