अमेरिका की हाइपरलूप वन कंपनी,9 साल में बंद होने के कगार पर
नई दिल्ली । तेज रफ्तार से दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तर पहुंचाने का सपना दिखाने वाली और भविष्य की तकनीक पर आधारित हाइपरलूप वन कंपनी 9 साल में बंद होने के कगार पर है। इस कंपनी ने वैक्यूम ट्यूब में मेग्लेव टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके 700 किमी प्रति घंटे की हाई स्पीड युग की शुरुआत का वादा किया था।
अब कंपनी का कहना है कि वह अपना हाइपरलूप प्रोजेक्ट बंद कर रही है। कंपनी ने अमेरिका के नेवादा में 11 मई 2016 को सेफ्टी साइट पर पहला परीक्षण किया था। 9 नवंबर 2020 को वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर एक पॉड के साथ वर्जिन हाइपरलूप की टेस्टिंग की थी। इसकी रफ्तार 161 किमी प्रति घंटे रही थी।
अब कंपनी ने अधिकांश कर्मचारियों को निकाल दिया और लॉस एंजिल्स ऑफिस भी बंद कर दिया है। बचे हुए कर्मचारियों को 31 दिसंबर तक कंपनी का टेस्ट ट्रेक और मशीनरी बेचने का काम सौंपा गया है। अमेरिकी कारोबारी इलॉन मस्क, हार्ज हाइपरलूप, हाइरपरलूप टीटी और स्विसपोड टेक प्रोटोटाइप पर काम कर रही है।
ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रेनसन ने 2022 में नाता तोड़ दिया था
• 2014 में हाइपरलूप वन बेहद लोकप्रिय स्टार्टअप था, जिसने एक समय 3700 करोड़ रुपए की फंडिंग एकत्रित की थी। • लॉस वेगास के पास टेस्ट ट्रेक बनाया गया। दिग्गज ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रेनसन के निवेश के बाद कंपनी का नाम वर्जिन हाइपरलूप वन रखा गया था।
• 2022 में जब कंपनी ने अपनी सेवाओं को यात्रियों की बजाय कार्गो पर फोकस करने का फैसला किया था, तो ब्रेनसन ने हाइपरलूप से नाता तोड़ लिया।
• सिद्धांत के तौर पर शानदार दिखने वाली हाइपरलूप टेक्नोलॉजी उद्योग के रूप में स्थापित नहीं हो पाई। हाइपरलूप वन कंपनी को कभी वर्किंग हाइपरलूप बनाने का काम नहीं मिल पाया।
• प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी दुबई के डीपी वर्ल्ड की है, बौद्धिक संपदा का अधिकार उसी का रहेगा।अक्सर गलत कारणों से सुर्खियों में रही कंपनी
• को-फाउंडर ब्रोगन बमब्रोगन एक बार अपने ऑफिस पहुंचे तो उन्हें कुर्सी पर फंदा मिला। उन्होंने कोर्ट केस में इसके पीछे सह संस्थापक शेरविन को बताया।
• कंपनी के निदेशक और रूस अरबपति जियावुद्दीन मागोमेदोव को हाइपरलूप कंपनी के साथ धोखाधड़ी करने और गबन के आरोप में मॉस्को में गिरफ्तार किया गया।
• हाइपरलूप कंपनी के अन्य को-फाउंडर और बड़े निवेशक शेरविन पिशेवार को यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा। हालांकि, उन्होंने आरोपों को झूठा बताया था।