ये लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच, इस बार कड़ा जवाब देंगे..पहलगाम हमले पर बोले मोहन भागवत

MUMBAI: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले को धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई बताया है।
उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए देश की एकता और शक्ति पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं का स्वभाव शांतिप्रिय है, लेकिन अत्याचार सहना भी स्वभाव नहीं है. बुरी नीयत वालों की आंख फोड़ देनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है।
भागवत ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद हत्या की।
श्री भागवत ने ये बातें मुंबई में एक कार्यक्रम में कहीं हैं।
इस मौके पर उन्होंने हाल ही में कश्मीर में हुई आतंकी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई बताया है।
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच की है।
हमारा देश कितना शक्तिशाली है यह दिखाने का समय आ गया है. हमारे दिलों में दर्द है।
हम गुस्से में हैं लेकिन बुराई को खत्म करने के लिए हमें ताकत दिखानी होगी।
उन्होंने कहा कि ऐसी त्रासदियों को रोकने और दुर्भावनापूर्ण इरादे को रोकने के लिए समाज के भीतर एकता जरूरी है।
भागवत ने उदाहरण के तौर पर अपने भाषण में बताया कि रावण भगवान शिव के भक्त थे लेकिन कुछ ऐसी हरकतों से घिरे थे जिसे समझा कर नहीं सुलझा सकता था।
इसलिए भगवान राम को उनका वध करना पड़ा. मोहन भागवत ने आगे कहा कि ऐसे ही कुछ लोग हैं।
जिन्हें समझाकर कुछ हल नहीं होगा।
उन्हें सबक सिखाना ही होगा मुझे उम्मीद है कि यह जल्द हासिल हो सकेगा।