संथाल में बढ़ रहे घुसपैठिए, हेमंत सरकार आधारकार्ड बनवा दे रही संरक्षण: हिमंता

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जेएमएम सरकार में हुआ जेएसएसी सीजीएल घोटाला, 20-30 लाख में बेचे गए पेपर

बीजेपी सरकार बनेगी तब महिलाओं के खाते में जाएंगे 2100 रुपए

RANCHI: बहरागोड़ा में हिमंता बिस्वा सरमा ने जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि झारखंड में अभी जेएमएम की सरकार है जो बांग्लादेश के घुसपैठिए को हर दिन राज्य में बसा रही है।

ये घुसपैठिए राज्य की आदिवासी बेटियों से शादी करके उनके जमीनों को हड़पते हैं औऱ मुखिया बन जाते हैं।

झारखंड में राजनीति घुसपैठिए लोगों के हाथ में जा रहा है, लेकिन जेएमएम सरकार घुसपैठिए के खिलाफ न कुछ बोलते हैं न करते है।

उन्होंने कहा कि संथाल परगना में हजारों लाखों घुसपैठिए घुसकर वहां के सामाजिक वातावरण पूरी तरह से हिला कर रख दिया है।

हिमंता ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि झारखंड में भाजपा सरकार बनेगी तो बांग्लादेश से जितने मुसलमान आकर यहां बस रहे हैं, आदिवासियों के जमीनों पर कब्जा कर उनके हक अधिकारों को छीन रहे हैं, उनको कानून के रास्ते लात मारकर बाहर करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारा भारत घुसपैठियों के लिए नहीं है। यह राज्य घुसपैठियों के लिए नहीं है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में हिंदुओं और आदिवासियों की संख्या कम होती जा रही है।

मामला झारखंड हाईकोर्ट में भी है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया कि घुसपैठिए मदरसा में आ रहे हैं, वहां घुसपैठियों का आधारकार्ड बनाया जाता है।

इस तरह ही घुसपैठिए झारखंड में आकर बस जाते हैं।

लेकिन वर्तमान जेएमएम-कांग्रेस की सरकार घुसपैठ मुद्दे पर कुछ नहीं बोलती है।

इरफान अंसारी द्वारा भाजपा नेता सीता सोरेन का अपमान किए जाने को लेकर भी हिमंता बिस्वा सरमा ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता और मंत्री इरफान अंसारी ने सीता सोरेन के खिलाफ अभद्र भाषा का व्यवहार किया।

सीता सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं, लेकिन हेमंत सोरेन इसके बाद भी इरफान अंसारी को जेल नहीं भेजते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि इरफान पर कोई एक्शन लेंगे तो उनके घुसपैठिए नाराज हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि झारखंड में आज घुसपैठ हो रहा है, मदरसा बन रहा है।

लेकिन दुर्गा पूजा और रामनवमी का जुलूस निकालने से मना किया जाता है।

जब हमारे हिंदु भाई झांकी निकालने की कोशिश करते हैं तो उनको हेमंत सरकार जेल में डाल देती है।

वादाखिलाफी को लेकर हेमंत सरकार पर कहा कि जेएमएम ने 2019 में वादा किया था कि युवाओं को पांच लाख नौकरी देंगे।

किसी युवा को नौकरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि किसी युवा को नौकरी नहीं मिलता है तो उसकी मां शांत रह सकती है क्या?

लेकिन हेमंत सरकार में तो सीजीएल परीक्षा के पेपर को 20 लाख 30 लाख रुपए में बेच दिया जाता है।

क्या गरीब का बेटा 20 लाख देकर परीक्षा पेपर खरीद सकता है क्या?

हेमंत सोरेन ने पांच साल तक तो कुछ नहीं किया। अभी वे मंईयां सम्मान योजना की बात कर रहे हैं।

चुनाव से 3 महीना पहले महिलाओं को 1 हजार रुपए देना शुरु किया।

हेमंत सरकार ने नाना, नानी, दादा-दादी का पेशंन बंद कर दिया है।

उन्होंने घर में बहु और मां के बीच झगड़ा लगा दिए हैं। एक का पेंशन काट दूसरे के खाते में पैसा डालकर झगड़ा कराया जा रहा है।

आज बुढ़ी मां पेंशन के पैसे का इंतजार करती है कि पैसा कब आएगा। उसी बुढ़ी मां के पैसे को काटकर हेमंत सरकार ने मंईयां योजना शुरू की है।

उन्होंने कहा कि मैंने प्रण लिया है कि झारखंड में बीजेपी की सरकार बनेगी तो महिलाओं के खाते में 2100 रुपए डाले जाएंगे।

जब तक महिलाओं के खाते में गोगो दीदी योजना का 2100 रुपया नहीं आएगा तबतक मैं गुवाहाटी नहीं जाऊंगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जब महिलाओं को 2100 रुपए देने की घोषणा की तो हेमंत सोरेन ने कहा कि हम दिसंबर महीने से 2500 रुपए देंगे।

लेकिन वे अभी सीएम हैं तो क्यों नहीं दे रहे हैं। झारखंड की जनता जान चुकी है कि हेमंत सोरेन ने जीतने वादे किए थे एक भी वादे पूरा नहीं किए।

हेमंत सोरेन ने लड़कियों के शादी के लिए सोने का सिक्का देने का वादा किया था, लेकिन किसी को मिला क्या?

आज हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन का एक दुजे का सिनेमा चल रहा है।

दोनों अपने में लगे हैं किसी को खबर नहीं। राज्य की हालत ऐसी हो गई है कि गरीबों को कुछ नहीं मिल रहा है।

न सोने का सिक्का, न पेंशन और न ही नौकरी। असम सीएम ने कहा कि आज मेरी पत्नी कहती हैं कि मुझे भी राजनीति में लेकर जाऔ, तो मैंने कहा कि बीजेपी परिवार का एक ही आदमी राजनीति करेगा।

यहां परिवारवाद नहीं चलता है। लेकिन हेमंत सरकार में या घुसपैठिए और उनका परिवार जरूरी है।

उन्होंने कहा कि एक मां अपने बेटा बेटी को नौकरी करते देखना चाहती हैं।

एक मां को 1000 रुपया दो या नहीं उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।

उन्होंने कहा कि युवाओं ने पांच सालों तक जेएमएम-कांग्रेस की सरकार से नौकरी देने मांगी, लेकिन हेमंत सोरेन ने किसी को नौकरी नहीं दी, अगर थोड़ा बहुत 100-200 नौकरी दी भी तो 50 लाख रुपए रिश्वत लेकर नौकरी दिया है।

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