तेज़ रफ्तार वाली जिंदगी और कार्यभार के बीच मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक: डाॅ प्रभात कुमार
सदर अस्पताल मे एक दिवसीय “मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला” का आयोजन
RANCHI: रांची जिला स्वास्थ्य समिति ने महिला फ्रंटलाइन वर्कर्स—सहिया—के मानसिक स्वास्थ्य को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज एक दिवसीय “मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला” का आयोजन किया।
यह राज्य में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसे जिला कार्यक्रम समन्वयक, श्रीमती प्रीति चौधरी के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सिविल सर्जन रांची डॉ. प्रभात कुमार द्वारा किया गया।
उन्होंने कहा कि तेज़ रफ्तार वाली जिंदगी, बढ़ती चुनौतियों और कार्यभार के बीच मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सहियाओं का सुदृढ़ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अंततः एक स्वस्थ समुदाय की नींव रखता है, क्योंकि वे समुदाय से सबसे करीब रहकर काम करती हैं और स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ हैं।
इस कार्यशाला का उद्देश्य सहिया कार्यकर्ताओं की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति को समझना, उन्हें सशक्त बनाना और उनकी व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु समर्थन तंत्र को मजबूत करना था।
सहिया सीमित संसाधनों में काम करती हैं, लैंगिक भेदभाव का सामना करती हैं, प्रोत्साहन कम मिलता है, जबकि परिवार और समुदाय—दोनों की अपेक्षाएँ उनसे अत्यधिक होती हैं। इसके बावजूद वे लगातार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करती हैं और स्वास्थ्य प्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कार्यक्रम के दौरान दो सहिया साथी (Sahiya Saathi) ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि यह पहली बार है जब विभाग उनके मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में गंभीरता से सोचना शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि यह सत्र उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा और उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सीखीं।
कार्यक्रम में
– डॉ. शांतना कुमारी, राज्य कंसल्टेंट – मानसिक स्वास्थ्य एवं नशा मुक्ति
– श्रीमती अकाय मिंज, राज्य कार्यक्रम समन्वयक – सहिया
– डॉ. नाजिया कौसर, मनोचिकित्सक – जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
उपस्थित रहीं और उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की मूल बातें, अध्ययन उपकरण (study tool) तथा समुदाय-आधारित रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में यह साझा किया गया कि यह अध्ययन रांची जिले के 6 प्रखंडों और 1 शहरी क्षेत्र में संचालित होगा, ताकि सहियाओं की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति, सेवाओं की आवश्यकता, विभिन्न बाधाओं और नीति-निर्माताओं की धारणाओं को समझते हुए भविष्य के प्रशिक्षण और कल्याण कार्यक्रमों में मानसिक स्वास्थ्य को सम्मिलित किया जा सके।
कार्यशाला का संचालन एवं समापन जिला कार्यक्रम समन्वयक, श्रीमती प्रीति चौधरी द्वारा किया गया।
अंत में सभी प्रतिभागियों ने सिविल सर्जन,
जिला कार्यक्रम समन्वयक और सभी विशिष्ट अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उनके आत्मविश्वास और कार्यक्षमता को मजबूत करेंगे।
रांची जिला स्वास्थ्य समिति को उम्मीद है कि यह पहल सहियाओं के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करेगी, जिससे वे न केवल स्वयं का बेहतर ध्यान रख सकेंगी, बल्कि समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा सकेंगी।
