वेक्टर जनित रोगों की वर्तमान स्थिति पर गहन चर्चा एवं समय रहते नियंत्रण के प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश

श्रीमती आराधना पटनायक (AS&MD) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक (AS& MD) की अध्यक्षता में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक हुई सम्पन्न
RANCHI : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की अभियान निदेशक श्रीमती आराधना पटनायक की अध्यक्षता में
आज आर.सी.एच सभागार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रांची झारखंड में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में श्रीमती आराधना पटनायक के द्वारा झारखण्ड राज्य में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार और फाइलेरिया जैसे वेक्टर जनित रोगों की वर्तमान स्थिति पर गहन चर्चा की गई एवं समय रहते प्नियंत्रण के प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
साथ ही बैठक में राज्य में संचालित वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रमों की प्रगति, चुनौतियां एवं आगामी कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।
श्रीमती आराधना पटनायक ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलों के उपायुक्त एवं सभागार में उपस्थित सिविल सर्जन से कहा कि डेंगू, मलेरिया,
फाइलेरिया, कालाजार एवं चिकनगुनिया वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।
इसके लिए समय पर सर्वेक्षण जन जागरूकता स्वच्छता सामुदायिक भागीदारी एवं प्रभावी निगरानी की आवश्यकता है और गुणवत्ता का ध्यान देना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों,सहिया एवं सुपरवाइज़रों के लिए निरंतर प्रशिक्षण (Training and Capacity Building Programme) आयोजित किए जाएं,
ताकि वे नवीनतम तकनीकों, रोग पहचान, और नियंत्रण के उपायों में दक्ष हो सकें।
इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों की ट्रेनिंग दिसंबर तक पूर्ण करने का निदेश दिया गया।
सिकल सेल एनीमिया कार्ड का वितरण प्रखंड स्तर तक ज्यादा से ज्यादा करने की बातें कही।
झारखंड में 31 दिसंबर तक सभी vulnerable population का टीबी से संबंधित एक्स -रे एवं स्क्रीनिंग करने का निदेश सभी सिविल सर्जन को दिया गया।
बैठक के दौरान डा. तनु जैन निदेशक, NCVBDC ने कहा की झारखंड ने वर्ष 2023 में कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
बालू मख्खी से फैलने वाली बीमारी कालाजार पर नियंत्रण के लिए घरों में कीटनाशक का छिड़काव एवं मरीज की समय पर जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि ये फिर से ना बढ़ सके।
समय- समय पर सर्विलांस, मॉनिटरिंग एवं क्वालिटी आईआरएस ( घर के अंदर की दीवारों पर कीटनाशक का छिड़काव ) के साथ क्षेत्रीय भाषा में आईसी का उपयोग करके हम कालाजार पर पूर्ण रूप से नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ0 छवी पंत जोशी ने हाथी पांव रोग को लेकर सभी जिलों की समीक्षा की एवं इसकी जागरूकता एवं बचाव हेतु विस्तृत दिशा निर्देश दिए।
हाथी पांव से बचाव के लिए साल में दो बार MDA राउंड का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी योग्य लाभुकों को फाईलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाती है।
शशि प्रकाश झा, अभियान निदेशक,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड ने कहा कि मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए सभी जिलों में जल जमाव प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
जल जमाव प्रबंधन एवं बचाओ के अन्य उपायों को अपना कर हम मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों को कम कर सकते है।
समीक्षा बैठक में डॉ छवि पंत जोशी,संयुक्त निदेशक, NCVBDC, डॉ संबित प्रधान, सहायक निदेशक, NCVBDC, केंद्रीय टीम, डॉ 0 सिद्धार्थ सान्याल, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं सभी जिले के उपायुक्त एवं सिविल सर्जन,
राज्य स्तरीय नोडल पदाधिकारी एवं परामर्शी, WHO, पिरामल फाउंडेशन, GHS एवं अन्य सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि शामिल हुए।