सामाजिक संघर्षों और अलग राज्य आंदोलन के साथ शिबू सोरेन बने गुरुजी : बाबूलाल मरांडी

RANCHI: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री,पूर्व केंद्रीय मंत्री,राज्य सभा सांसद स्व शिबू सोरेन के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की।
श्री मरांडी ने स्व शिबू सोरेन जी की आत्मा की शांति केलिए ईश्वर से प्रार्थना की।
कहा कि भगवान दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान दें,उनके परिजनों, प्रियजनों को दुःख की बेला में धैर्य एवं साहस प्रदान करें।
श्री मरांडी ने शिबू सोरेन से दिसुम गुरु बनने की यात्रा पर कहा कि यह यात्रा कठिन संघर्ष और आंदोलन की यात्रा है।
पिता की हत्या के बाद राज्य में व्याप्त महाजनी प्रथा के खिलाफ एक संघर्षशील जुझारू शिबू सोरेन का उदय हुआ। जिन्होंने शराब बंदी केलिए भी गांव में संघर्ष करते हुए अभियान चलाए।
श्री मरांडी ने कहा कि सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ते हुए स्व शिबू सोरेन अलग राज्य के आंदोलनों से जुड़कर आंदोलन को दिशा दी,संघर्ष किया,जिसमें जनता ने उनका साथ दिया।
आज अलग झारखंड राज्य की स्थापना में स्व शिबू सोरेन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
श्री मरांडी ने गुरुजी के साथ राजनीतिक लड़ाई को याद करते हुए कहा कि यह वैचारिक लड़ाई रही जो लोकतंत्र की ताकत है।
राष्ट्रीय पार्टी और क्षेत्रीय पार्टियों की मत भिन्नताएं स्वाभाविक होती हैं।
श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा ने स्व शिबू सोरेन जी को सदैव सम्मान दिया। उन्होंने श्रद्धेय अटल जी का गुरुजी के प्रति सम्मान को भी याद किया।
श्री मरांडी ने कहा कि शोषण , अन्याय,अत्याचार के खिलाफ संघर्ष और अलग राज्य के आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने की यात्रा गुरुजी को अमर बनाएगी।
संघर्षशील जुझारू और जमीनी नेता थे श्रद्धेय गुरुजी: डॉ रविंद्र कुमार राय
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय ने स्व शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा भगवान गुरुजी की आत्मा को शांति प्रदान करें।
कहा कि वे संघर्षों से उपजे हुए जमीनी और जुझार नेता थे । उन्होंने लोगों को चुनावों में भी सादा और शराब आदि व्यसनों से दूर जीवन जीने की कला बताते थे।
कहा कि वे झारखंड का दर्द पालने वाले नेता नेता। अलग राज्य गठन के बाद वे सभी झारखंड वासियों के साथ मिलकर झारखंड के विकास की बात करते थे। राज्य गठन के बाद वे झारखंड को विवादों से हटकर विकास के रास्ते पर ले जाना चाहते थे।