रिम्स मे मिनिमली इनवेसिव थायरॉइड सर्जरी” और “सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी” पर उच्च स्तरीय सर्जिकल कार्यशाला का सफल आयोजन

राज्यभर से 150 से अधिक सर्जनों और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया
थायरॉइड सर्जरी में अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से रोगी परिणामों में सुधार लाने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा
कार्यशाला का उद्देश्य युवा सर्जनों को अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव दिलाना: डॉ डीके सिन्हा
RANCHI: रिम्स रांची के सर्जरी विभाग ने एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, झारखंड चैप्टर के सहयोग से शुक्रवार को “मिनिमली इनवेसिव थायरॉइड सर्जरी” और “सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी” पर केंद्रित एक उच्च स्तरीय सर्जिकल कार्यशाला का सफल आयोजन किया।
कार्यक्रम में राज्यभर से 150 से अधिक सर्जनों और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया।
इस अवसर पर प्रतिभागियों को नवीनतम सर्जिकल तकनीकों और उन्नत प्रथाओं से परिचित कराया गया।
इस कार्यशाला का मुख्य आकर्षण रहा जबलपुर के प्रसिद्ध मिनिमली इनवेसिव एवं एंडोक्राइन सर्जन
डॉ. संजय कुमार यादव द्वारा किया गया Live Surgical Demonstration।
उन्होंने थायरॉइड सर्जरी में अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से रोगी परिणामों में सुधार लाने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की।
रिम्स सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. डी. के. सिन्हा ने कहा, “इस कार्यशाला का उद्देश्य हमारे युवा सर्जनों को अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव दिलाना था।
डॉ. यादव द्वारा साझा की गई विशेषज्ञता और प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक शानदार सफलता बनाया है।
यह पहल झारखंड में सर्जिकल शिक्षा और रोगी देखभाल को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।”
कार्यक्रम में चिकित्सा जगत के कई विशिष्ट अतिथि उपस्थि थे।
झारखंड एएसआई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर. पी. श्रीवास्तव, झारखंड एएसआई अध्यक्ष डॉ. संदीप कुमार अग्रवाल,
सचिव डॉ. राजेश कुमार सिंह तथा कार्यकारी समिति के सदस्य डॉ. विजय कुमार और डॉ. आजाद शामिल थे।
इसके अलावा डॉ. वी के जैन, डॉ. जे प्रसाद, डॉ. एन के झा, डॉ. आर जी. बाखला, डॉ. शीतल मलुआ, डॉ. गीता,डॉ. एस एन मुखर्जी सहित कई वरिष्ठ सर्जन उपस्थित रहे।