प्रदेश की वर्तमान विधि व्यवस्था में व्यापार करना चुनौतीपूर्ण, सरकार और जिला पुलिस प्रशासन पर्याप्त सुरक्षा दे: चैम्बर

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अपराधियों में कानून और व्यवस्था का भय होना जरुरी
RANCHI: राज्य में बढ़ते अपराध और गिरती कानून-व्यवस्था से चिंतित होकर आज झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन कर, रोष जताया गया।

चैंबर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि जिला पुलिस प्रशासन की तत्परता के बावजूद राज्य में अपराधिक तत्व सक्रिय हैं, उनमें कानून और प्रशासन का कोई भय नहीं है।

अमूमन यह देखा जा रहा है कि एक घटना का उद्भेदन होते ही दूसरी घटना घटित हो रही है, इससे लोगों में असुरक्षा का भाव बना हुआ है।

क्या व्यवसायी यूं ही अपराधियों का शिकार होते रहेंगे और शासन प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा? टाइगर मोबाइल और पीसीआर वैन की निरंतर गश्ती के बावजूद

व्यापारिक क्षेत्रों में अपराधियों की सक्रियता यह दर्शाती है कि अपराध नियंत्रण और मामलों के त्वरित उद्भेदन हेतु जिला पुलिस प्रशासन को गंभीर व ठोस पहल करने की आवश्यकता है।

सरकार और जिला प्रशासन अपराध नियंत्रण और वारदातों के अनुसंधान की नये सिरे से समीक्षा करे ताकि इन अपराधों पर अंकुश लगे और व्यापारी भयमुक्त वातावरण में व्यापार कर सकें।

अगर राज्य सरकार और जिला पुलिस प्रशासन द्वारा जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तब राज्य भर के व्यापारी सड़कों पर उतरने को विवश होंगे।

राज्य की वर्तमान विधि व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए चैंबर उपाध्यक्ष ज्योति कुमारी ने स्पेशल कमिटी का गठन करने की मांग की।

यह कहा कि राज्य में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भयमुक्त माहौल का होना बेहद जरूरी है।

प्रेस वार्ता के अपने संबोधन में सह सचिव नवजोत अलंग ने व्यापारियों को आर्म्स लाइसेंस प्रदान करने की जटिल प्रक्रियाओं पर चिंता जताई और थाना व एसएसपी स्तर पर पुलिस व्यवसायी समन्वय समिति का गठन करने की मांग की।

यह कहा कि पुलिस व्यवसायी की निरंतर बैठकों के आयोजन से संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी सीधे तौर पर प्रशासन को मिलेगी।

जिससे अपराध नियंत्रण में काफी हद तक सफलता मिलेगी। कार्यकारिणी सदस्य डॉ0 अभिषेक रामाधीन ने राज्य में बढ़ते अपराध के कारण प्रदेश भर में बन रहे माहौल पर चिंता जताई।

यह कहा कि अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा है कि दिनदहाडे दुकान में घुसकर व्यापारियों से छिनतई की जाती है।

भय के माहौल में व्यापारी कैसे व्यापार कर सकेंगे? पर्याप्त सुरक्षा देना सरकार और प्रशासन का दायित्व है।

सरकार और प्रशासन इसकी समीक्षा करे। कार्यकारिणी सदस्य संजय अखौरी ने पुलिस के सूचना तंत्र और कार्यप्रणाली पर सवाल खडे करते हुए जिला प्रशासन से ठोस कार्रवाई की अपील की।

यह कहा कि वर्तमान परिवेश में व्यापार करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य मुकेश अग्रवाल, शैलेष अग्रवाल और सदस्य दीनदयाल बरनवाल ने भी राजधानी समेत प्रदेश स्तर पर बढ़ते

अपराध पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिला पुलिस प्रशासन का काम केवल घटना का उद्भेदन करना ही नहीं बल्कि घटनाएं नहीं हों,

यह देखना भी है। चिंतनीय है कि प्रदेश के सभी जिलों में हर एक नियमित अंतराल पर घटनाएं हो रही हैं और अपराधियों में कानून व्यवस्था का कोई भय नहीं है।

यह कहा गया कि जिला पुलिस प्रशासन इसकी ठोस समीक्षा करे कि आखिर अपराधिक वारदातें थम क्यों नहीं रहीं। वर्तमान में संगठित अपराध पुलिस के लिए झारखण्ड में नक्सलवाद की तरह बडी समस्या बन गई है।

सरकार और प्रशासन यदि पर्याप्त सुरक्षा ही नहीं देगी तब राज्य में नये निवेश तो दूर की बात है, पहले से स्थापित उद्योग धंधो को चला पाना भी संभव नहीं होगा।

प्रेस वार्ता में चैंबर उपाध्यक्ष ज्योति कुमारी, महासचिव आदित्य मल्होत्रा, सह सचिव नवजोत अलंग, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य डॉ0 अभिषेक रामाधीन, संजय अखौरी,

मुकेश अग्रवाल, शैलेश अग्रवाल, सदस्य दीनदयाल बरनवाल और मनोज मिश्रा उपस्थित थे।

विदित हो कि झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के आहवान पर चैंबर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के नेतृत्व में आज प्रदेश के छह प्रमंडलों में भी प्रेस वार्ता के माध्यम से राज्य की विधि व्यवस्था पर अपना रोष जताया गया।

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