कांग्रेस–झामुमो ने हमेशा जनता को धोखे में रखा : आजसू पार्टी

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RANCHI: आजसू पार्टी ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना करवाने की घोषणा से इंडी गंठबंधन की हवा गुम हो गई है।

अगर कांग्रेस–झामुमो गंभीर होते तो मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही इस विषय पर कदम उठाते।

कांग्रेस–झामुमो ने जाति जनगणना के मुद्दे पर हमेशा जनता को धोखे में रखा और अब अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।

आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर और संजय मेहता ने आज पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आजसू ने राजग के घटक के रूप में हमेशा इस मुद्दे पर मुखरता से आवाज उठाई और आंदोलन किया,

जिसका परिणाम सामने है। आजसू नेताओं ने कहा कि जाति जनगणना के इस निर्णय को लागू करने में आजसू पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि वह जनजागरूकता अभियान चलाएगी ताकि समाज के हर वर्ग को इस प्रक्रिया के महत्व और उसके लाभों के बारे में जानकारी मिल सके।

यह निर्णय भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

डॉ देवशरण भगत ने कहा कि आजसू पार्टी का मानना है कि जाति जनगणना के आंकड़े न केवल सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को उजागर करेंगे,

बल्कि सरकार को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, आवास और अन्य क्षेत्रों में संसाधनों के समान वितरण के लिए एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करेंगे।

प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि जाति जनगणना केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय का एक उपकरण है।

यह हमें यह समझने में मदद करेगा कि समाज के कौन से वर्ग अभी भी विकास की मुख्यधारा से वंचित हैं।

संजय मेहता ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य, जहां आदिवासी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदायों की बड़ी आबादी निवास करती है, वहां यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

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