सिविल सर्जन, ब्लड बैंक इंचार्ज या स्वास्थ्य कर्मी को दोषी उठाया जाना उचित नहीं: झासा
                झासा के सदस्यो ने एचआईवी से संक्रमित सभी बच्चों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की
चाईबासा में 06 बच्चों के अतिरिक्त रांची से 06 एवं कोडरमा से 01 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं
RANCHI: चाईबासा से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चो के एचआईवी संक्रमण पाए जाने के बाद वहां के सिविल सर्जन महोदय एवं ब्लड बैंक इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है।
इस पर परिचर्चा के लिए झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवाएं संघ, झारखंड ने आज आई एम ए भवन में आपातकालीन बैठक आयोजित की।
सर्वप्रथम उपस्थित सभी सदस्यों ने एचआईवी से संक्रमित सभी बच्चों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की ।
कहा कि यह गंभीर मामला है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और बेकसूर दोनों चिकित्सकों का निलंबन वापस होना चाहिए।
विशेषज्ञ चिकित्सको ने कहा कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए रक्तदाता के ब्लड की एचआईवी सहित पांच संक्रामक रोगों के लिए स्क्रीनिंग होती है।
किसी भी संक्रमण का उसके विंडो पीरियड में लैब टेस्ट द्वारा पता नहीं लगाया जा सकता।
यह लैब टेस्ट का लिमिटेशन है। इसमें सिविल सर्जन, ब्लड बैंक इंचार्ज या स्वास्थ्य कर्मी को दोषी उठाया जाना उचित नहीं है ।
चाईबासा में 06 बच्चों के अतिरिक्त रांची से 06 एवं कोडरमा से 01 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं।
ऐसे में पूरे राज्य में सघन जांच के बाद अन्य जिलों से भी संक्रमण के मामले आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
तो क्या सभी संबंधित जिलों के सिविल सर्जन या ब्लड बैंक इंचार्ज को निलंबित करना इस समस्या का समाधान है? कतई नहीं। इसमें कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी दोषी नहीं है।
यह लैब टेस्ट का लिमिटेशन है और इसके लिए सिस्टम को अपग्रेड करने की जरूरत है। सभी जिलों में रेगुलर बहाली के द्वारा पर्याप्त मैन पावर दिया जाए।
सभी ब्लड बैंक में लेटेस्ट एंड अपडेटेड उपकरण जैसे फोर्थ जनरेशन एलाइजा , आई डी नैट मशीन उपलब्ध कराई जाए। थैलेसीमिया , सिकल सेल एनीमिया मरीज, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और जिन्हें बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराना होता है, उन सभी का प्रत्येक वर्ष स्क्रीनींग टेस्ट किया जाए।
संगठन ने कहा कि ब्लड बैंक को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा लगातार वर्चुअल मीटिंग किए जा रहे हैं एवं एस ओ पी तैयार किया जा रहा है।
इसके लिए संगठन के अध्यक्ष एवं सचिव ने अपर मुख्य सचिव, स्वा० शिक्षा एवं प० क० विभाग एवं माननीय मंत्री महोदय के प्रयासों की सराहना की
। साथ ही सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय से अवगत कराते हुए मांग की कि बेकसूर सिविल सर्जन महोदय एवं ब्लड बैंक इंचार्ज को निलंबन से मुक्त किया जाए।
धनबाद के उपायुक्त महोदय ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस से संबंधित नए आदेश निर्गत किए हैं, जिस पर चर्चा की गई और उसे सर्वसम्मति से अव्यवहारिक बताते हुए नकार दिया गया।
यह एक इमरजेंसी सेवा है,जिसका समय और स्थान निश्चित नहीं होता। इसलिए हमारे चिकित्सा सेवा में बायोमेट्रिक अटेंडेंस को वेतन से जोड़ने का प्रयास अनुचित है और यह माननीय न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
इसलिए संघ ने उपायुक्त महोदय से विनम्र आग्रह किया कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से रोक दें अन्यथा संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलन के लिए मजबूर होगा।
इस बैठक में बोकारो, चाईबासा ,रांची एवं अन्य जिलों से चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।
बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड के राज्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह एवं चेंबर ऑफ कॉमर्स के डॉ अभिषेक रामधीन उपस्थित थे।
