भारी बारिश के बावजूद भी मुहर्रम के पहलाम का जुलूस पूरे अकीदत के साथ निकाला गया

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RANCHI: धवताल अखाड़ा व इमामबख्श अखाड़ा के अधीन आने वाले मुहर्रम के पहलाम का जूलूस दोनों प्रमुख खलीफा क्रमशः पप्पू गद्दी व मो.महजूद खलीफा की निगरानी में

तथा सेन्ट्रल मुहर्रम कमिटी के तत्वावधान में कमिटी के सरपरस्त मो. सईद की सरपरस्ती व सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के अध्यक्ष जावेद गद्दी, महासचिव अकीलुर्रहमान ,

प्रवक्ता मो. इसलाम, उपाध्यक्ष आफ़ताब आलम सहित सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के अन्य पदाधिकारियों के नेतृत्व में पूरे अकीदत व एहतराम के साथ निकाला गया।

काफी बारिश के बावजूद भी जुलूस में शामिल सभी लोगों में काफी जोशो खरोश देखा गया। जुलूस में शामिल लोगों में धार्मिक परम्परा के अनुसार जोश के साथ साथ आपसी सौहार्द कायम रखते हुए खेलाड़ियों द्वारा अस्त – शस्त्र चालन के माध्यम से करतब दिखाते नजर आए।

सरकारी गाईड लाईन का भी सभी अखाड़ा धारियों द्वारा पालन किया गया।

भारी वर्षा के कारण समय की पाबंदी नहीं हो सकी परन्तु जुलूस आपसी सौहार्द पर आधारित अनुशासित ढ़ंग से निकाला गया।

जुलूस में अनेक प्रकार के झांकी भी आकर्षण का केंद्र बना रहा। सेंट्रल मुहर्रम कमिटी द्वारा जारी किए गए गाईडलाइन का भी सभी अखाड़ाधारियो द्वारा पालन करते हुए देखा गया।

प्रशासन भी अपनी पैनी नजर बनाए रखा। जुलूस में मुख्य रुप से जावेद गद्दी, अकीलुर्रहमान,मो. इसलाम, आफताब आलम,साहेब अली ,मो. तौहीद, उप खलीफा रोजन गद्दी,

जमील गद्दी, परवेज अख्तर,मो. नौशाद,जसीम हसन, अय्यूब राजा खान , मंसूर चिश्ती,फनी गद्दी, मासूम गद्दी,मो. सन्नी, बब्लू भाई सहित अनेक गणमान्य पदाधिकारियों एवं खलीफाओं की भूमिका बहुत सराहनीय रही।

जगह जगह शिविर लगाकर जुलूस का स्वागत किया गया। जुलूस परम्परागत तरीके से मिलन चौक में प्रमुख खलीफाओं के मिलन के बाद अनुशासित ढंग से अपने निर्धारित मार्ग से गुजर कर अपर बाजार स्थित धवताल इमामबाड़ा की ओर बढ़ा।

अपर बाजार में श्री महावीर मंडल द्वारा श्री महावीर मंडल रांची के अध्यक्ष जयसिंह यादव द्वारा भव्य रूप से स्वागत करते हुए सभी को पगड़ी,माला एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

वहां से जुलूस अपने निर्धारित मार्ग हंडा मस्जिद होते हुए मेन रोड से गुजरकर इमामबख्श अखाड़ा का समापन कर्बला चौक स्थित कर्बला में एवं धवताल अखाड़ा का समापन कांके रोड स्थित अली मैदान के धवताल कर्बला में नेयाज – फातेहा के बाद समापन किया गया।

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