अनीमिया मुक्त भारत एवं विद्यालय स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम की अन्तर्विभागीय राज्यस्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित

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अनीमिया के कारण बौद्धिक एवं शारीरिक विकास प्रभावित होता है तथा कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है

राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड आई.एफ.ए. सम्पूरण की स्थिति में पूरे देश में द्वितीय स्थान पर

RANCHI:  अजय कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड की अध्यक्षता में अनीमिया मुक्त भारत एवं विद्यालय स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम की अन्तर्विभागीय राज्यस्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी।

उक्त बैठक में अबु इमरान, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड एवं श्री चन्द्र किशोर शाही, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाऐं भी उपस्थित रहे। डॉ कमलेश कुमार, नोडल पदाधिकारी, राज्य कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई द्वारा विभिन्न विभागों से अपेक्षित सहयोग के संबंध में प्रस्तुतीकरण किया गया।

उक्त बैठक में समाज कल्याण, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, अजीविका मिशन, शहरी विकास एवं आवास विभाग, जनवितरण प्रणाली विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग इत्यादि विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

राज्य नोडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अनीमिया के कारण बौद्धिक एवं शारीरिक विकास प्रभावित होता है तथा कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

इस दिशा में राज्यस्तर पर प्रभावशाली गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसका प्रमाण है कि राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड आई.एफ.ए. सम्पूरण की स्थिति में पूरे देश में द्वितीय स्थान पर है।

उक्त बैठक में अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम एवं स्कूली स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी।

• स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को सभी लाभार्थियों को सुनिश्चित करने हेतु डिजिटल हेल्थ एप्प का निर्माण Jap-IT के तकनीकी दल का सहयोग लेते हुए सुनिश्चित किया जाय, जिसमें राज्य के लाभार्थी स्वयं ही अपना पंजीकरण कर उक्त एप्प के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
• AMB T-4 APP को JAP-IT अवस्थित सर्वर पर माइग्रेट करते हुए Application को अधिक व्यापक बनाने के लिए इसमें लाभार्थी मॉड्यूल, ई-ट्रेनिंग मॉड्यूल और मॉनिटरिंग मॉड्यूल भी सम्मिलित किया जाय।

इस हेतु JAP-IT के तकनीकी दल से सहयोग लिया जाय। सभी सेवा प्रदाताओं को माह सितम्बर 2025 तक सभी पंजीकृत कर लिया जाय।

• जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर टास्क फोर्स का गठन करते हुए स्वास्थ्य संबंधित गतिविधियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय।

• निर्देश दिया गया है कि सभी योग्य लाभार्थियों की Hb जांच को 3 महीने या 6 महीने के विशेष अभियान के तहत पूरा किया जाय।

• स्कूली बच्चों में पोषण संबंधी जागरूकता सुनिश्चित करने एवं अच्छी आदतों के प्रोत्साहन हेतु स्वास्थ्य संबंधी विषयों को पाठ्यक्रम में एकीकृत किया जाय।

• स्कूलों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण (हेल्थ चेक-अप) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
• किशोर स्वास्थ्य शिक्षा पर स्वास्थ्य आरोग्य दूत द्वारा जानकारी प्रदान करना सुनिश्चित किया जाय।
• किशोर स्वास्थ्य कार्ड एवं डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड बनाने हेतु चर्चा की गयी।

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