केजरीवाल की शराब के बाद पानी पर बढ़ी मुश्किलें, PS और सांसद समेत 10 ठिकानों पर ED का छापा
नई दिल्ली। कथित शराब घोटाले के बाद अब आम आदमी पार्टी की मुश्किलें पानी से जुड़े एक केस में बढ़ सकती है। आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमें दिल्ली में 10 ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव और अन्य के खिलाफ छापेमारी की जा रही है, जो आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं। दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पड़ताल के तहत छापेमारी की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के घर पर छापा मारा है। आप के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर भी टीम पहुंची है। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड के एक पूर्व सदस्य के यहां भी छापेमारी की सूचना है। ईडी की यह छापेमारी ऐसे समय पर हो रही है जब आज आम आदमी पार्टी नेता और अरविंद केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने मंगलवार सुबह 10 बजे ईडी पर विस्फोटक खुलासे का दावा किया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने शराब घोटाला केस में आरोपियों को धमका कर झूठे बयान दिलवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि खुलासे की वजह से ही ईडी ने छापेमारी शुरू की है।
इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि यह मामला दिल्ली जल बोर्ड में टेंडर प्रक्रिया में कथित गड़बड़ी से जुड़ा है। एजेंसी ने 31 जनवरी को दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और कारोबारी अनिल कुमार अग्रावल को पीएमएलए केस में गिरफ्तार किया था। सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि जगदीश कुमार अरोड़ा (तत्कालीन चीफ इंजीनियर) ने दिल्ली जल बोर्ड के कुछ ठेके एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिए, जिनका मूल्य 38,02,33,080 रुपए है। कंपनी के पास टेक्निकल योग्यता नहीं होने के बावजूद ठेके दिए गए।
ईडी ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा, ‘जांच में पता चला कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठेके हासिल किए। जगदीश कुमार इस बात से अवगत थे कि कंपनी के पास तकनीकी योग्यता नहीं है। एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने काम का ठेका इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दिया जिसकी प्रोपराइटरशिप अनिल अग्रवाल के पास है। अनिल कुमार अग्रवाल ने कैश और बैंक अकाउंट में ट्रांसफर के जरिए जगदीश कुमार को 3 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। जांच में पता चला कि रिश्वत का पैसा लेने के लिए जगदीश कुमार अरोड़ा के करीबी लोगों और रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया गया।’