गुइलन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome)एक खतरनाक बीमारी है पर इससे डरे नहीं यह कोरोना जैसे नहीं फैलती
RANCHI: गुइलन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome)एक खतरनाक बीमारी है पर इससे डरे नहीं यह कोरोना जैसे नहीं फैलती है।
रिम्स के न्यूरो सर्जन डॉ विकास कुमार ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी देते हुए बताया कि
इस पोस्ट में बताये गये बचाव के तरीकों को अपनाये गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ और गंभीर तंत्रिका तंत्र (nervous system) से जुड़ी बीमारी है।
इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिका कोशिकाओं (nerve)पर हमला करने लगती है, जिससे तंत्रिका क्षति हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों की कमजोरी और लकवा हो सकता है।
यह बीमारी आमतौर पर संक्रमण (viral या bacterial) के बाद होती है।
लक्षण: 1. कमजोरी : इस बीमारी में कमजोरी पैरों से शुरू होकर छाती और सिर तक जा सकती है।
2. हाथों, पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में झनझनाहट या सुन्न होने का अहसास हो सकता है।
3. श्वसन संकट: गंभीर मामलों में, सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
4. मरीजों में मांसपेशियों की पूर्ण या आंशिक लकवा की समस्या हो सकती है
5. आंतों और मूत्र प्रणाली की समस्या कारण: यह आमतौर पर संक्रमणों के बाद होता है,
खासकर 1.वायरल संक्रमण: जैसे कि सर्दी-खांसी और
2.बैक्टीरियल संक्रमण जैसे कि कम्प्य्लोबक्टेर बैक्टीरिया, (आंतों में संक्रमण )के बाद यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इलाज: इलाज में आमतौर पर इम्यून थैरेपी (जैसे, प्लाज़्माफेरेसिस या इम्यून ग्लोबुलिन थेरेपी) की जाती है, ताकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा तंत्रिका कोशिकाओं पर किए गए हमले को रोका जा सके।
बचाव: 1. संक्रमण से बचाव: स्वच्छता बनाए रखें: नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले और किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद।
2.बाहर का खाना पानी से बचे –ताकि बैक्टीरियल संक्रमण से पीड़ित न हो, 3.मौसम चेंज होने पर खुद का ख्याल रखें ताकि वायरल इंफेक्शन से पीड़ित ना हो क्योंकि यह वायरल इंफेक्शन के बाद फैलता है 4.संतुलित आहार: पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, जिससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनी रहे।
5.व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से आपके शरीर की ताकत और तंत्रिका तंत्र (nervous system) का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
6.पर्याप्त नींद लें: अच्छी नींद लेने से शरीर की रक्षा प्रणाली (immune system) बेहतर काम करती है, जो संक्रमण से बचाव में मदद करती है।
7. स्वास्थ्य निगरानी: जल्दी पहचानें: अगर आपको शरीर में कमजोरी, सुन्नपन या झनझनाहट महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता है।