चंद्रमा की उम्र कम से कम 4.46 अरब वर्ष हो सकती है,नई स्टडी में किया गया दावा
नई दिल्ली(New Dehli)। एक नई स्टडी (Study)में दावा किया गया है चंद्रमा (moon)की उम्र कम से कम 4.46 अरब वर्ष हो सकती है। इसका अर्थ है कि चंद्रमा की जितनी उम्र (as old as)अभी बतायी जा रही है, उससे वह चार करोड़ वर्ष अधिक पुराना हो सकता है। रिसर्चर्स (researchers)ने कहाकि चार अरब वर्ष से भी पहले, जब सौर मंडल अभी नया ही था तथा धरती बड़ी हो ही रही थी, तब मंगल ग्रह के आकार का एक विशाल पिंड हमारे ग्रह से टकराया। उनका कहना है कि प्रारंभिक पृथ्वी से टूटकर जो सबसे बड़ा टुकड़ा अलग हुआ, वही चंद्रमा बना। उन्होंने कहाकि लेकिन यह कब हुआ, उसका सटीक समय अब भी रहस्य बना हुआ है।
‘जियोकेमिकल पर्सपेक्टिव लेटर्स’ मैगजीन में पब्लिश स्टडी में चंद्रमा के बनने के समय का पता लगाने के लिए 1972 में अपोलो अंतरिक्षयात्रियों द्वारा वहां से लाये गये ‘क्रिस्टल’ का यूज किया गया। अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक फिलीप हेक ने कह कि ये क्रिस्टल सबसे पुराने ज्ञात ठोस हैं जो इस विशाल टक्कर के बाद बने थे। चूंकि हमें यह मालूम है कि ये क्रिस्टल कितने पुराने हैं, इसलिए वे हमें चंद्रमा के कालक्रम का पता लगाने में बुनियाद के रूप में काम करते हैं।
इस अध्ययन में इस्तेमाल किये गये चंद्रमा के धूलकण के नमूने 1972 में अंतरिक्षयात्री लेकर आये थे। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार इस धूलकण में छोटे-छोटे ‘क्रिस्टल’ हैं जो लाखों साल पहले बने थे और वे इस बात का संकेत देते हैं कि चंद्रमा कब बना होगा। उन्होंने कहा कि जब मंगल के आकार का एक पिंड धरती से टकराया और उससे जो ऊर्जा पैदा हुई उससे चट्टान पिघल गये और अंतत: चंद्रमा की सतह बनी।