लोकआस्था के महापर्व छठ की सबो को हार्दिक शुभकामनाएं: राजीव रंजन साहू
RANCHI: भारत की संस्कृति और आस्था का सबसे पवित्र पर्व छठ “नहाय-खाय” के साथ प्रारंभ हो रहा है।
यह पर्व सिर्फ पूजा-अर्चना का नहीं, बल्कि शुद्धता, अनुशासन और अटूट आस्था का प्रतीक है। नहाय-खाय से छठ व्रत की शुरुआत होती है, जब भक्तजन सात्विक भोजन और पवित्र मन से इस महान पर्व का संकल्प लेते हैं।
छठ सिर्फ बिहार या झारखंड का पर्व नहीं है ,यह तो भारतीय जनमानस की आत्मा से जुड़ा एक लोक उत्सव है, जहाँ माताएँ, बहनें और पूरे परिवार सूर्य भगवान व छठी मईया की उपासना कर अपने घर, समाज और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
सूर्योपासना का यह पर्व हमें सिखाता है कि प्रकृति के प्रति आभार, अनुशासन और संयम ही सच्ची भक्ति है।
गांव की गलियों से लेकर नगर की छतों तक, घाटों से लेकर लोगों के दिलों तक, हर जगह आज आस्था की गंगा बह रही है।
छठी मईया से यही प्रार्थना है कि हर घर में सुख-शांति, समृद्धि और खुशियों की रोशनी बनी रहे, आपके जीवन में कभी अंधकार न आए, और हर सुबह नई उम्मीदों का सूरज लेकर आए।
आइए, इस महान पर्व पर हम सब मिलकर
आस्था, एकता और भारतीय संस्कृति की इस अनुपम परंपरा को और सशक्त बनाएं।
