रिम्स में चमत्कारिक इलाज से एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस मरीज को मिली नई जिंदगी

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RANCHI:  रिम्स में आयुष्मान भारत योजना के तहत एक गंभीर मरीज का निःशुल्क और सफल इलाज किया गया।

38 वर्षीय मरीज, जो वर्षों से एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (रीढ़ व जोड़ों को जकड़ देने वाली बीमारी) से जूझ रहे थे, के दोनों कूल्हे पूरी तरह जकड़े हुए थे और रीढ़ की गति लगभग खत्म हो चुकी थी। मरीज बैठने, झुकने और चलने जैसी सामान्य गतिविधियाँ भी नहीं कर पा रहे थे।

ऑर्थोपेडिक्स टीम का नेतृत्व डॉ. (प्रो.) गोविंद कुमार गुप्ता विभागाध्यक्ष ने की।
उनकी टीम (डॉ. ऋषभ कुमार, डॉ. मणि किप्लय कुमार) ने मरीज पर डुअल मोबिलिटी टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की—जो अतिरिक्त स्थिरता देती है और डिसलोकेशन का खतरा कम करती है।

एनेस्थीसिया टीम (डॉ. राजेश चंद्र, डॉ. प्रभा लाकड़ा, डॉ. शिल्पी आनंद) के लिए भी यह बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।

पहले ऑपरेशन में स्पाइनल एनेस्थीसिया और दूसरे में नाक के माध्यम से जनरल एनेस्थीसिया अपनाया गया।

सर्जरी सफल रही और अब मरीज सहारे के साथ बैठ, खड़े और चल पा रहे हैं। दर्द कम हुआ है और कूल्हों की गतिशीलता में सुधार आया है। नियमित फिजियोथेरेपी से मरीज स्वतंत्र रूप से चलने में सक्षम होंगे।

यह सफलता दिखाती है कि आधुनिक तकनीक और सरकारी स्वास्थ्य योजनाएँ गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को नई जिंदगी और उम्मीद दे रही हैं।

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