डॉ भारती ने अमेरिका में प्रस्तुत किया शोध पत्र, झारखंड की एकमात्र डॉक्टर

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अमेरिकन नेत्र सोसाइटी की वार्षिक कांफ्रेंस में दो शोध पत्रों की प्रस्तुत

RANCHI : 25 से 28 अप्रैल 2025 तक लोस एंजिलिस, कैलिफोर्निया, यु.एस.ए. में आयोजित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ कैटरेक्ट एंड रेफ्राक्टिव सर्जरी (ASCRS) के वार्षिक अधिवेशन में झारखण्ड की प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ० भारती कश्यप न केवल भाग लिया

बल्कि उन्होंने विश्व के कई देशों से आये नेत्र विशेषज्ञों के बीच नेत्र चिकित्सा के जटिल विषयों पर 2 साइंटिफिक रिसर्च पेपर भी प्रस्तुत किये।

पुरे झारखण्ड से इस अधिवेशन में भाग लेने वाली वह एक मात्र नेत्रा चिकित्सक थी जिन्हें 2 शोध पत्रों को प्रस्तुत करने का मौका दिया गया था।

डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि लोस एंजिलिस, कैलिफोर्निया में आयोजित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ कैटरेक्ट एंड रेफ्रेक्टिव सर्जरी के वार्षिक कांफ्रेंस में मैने दो रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए हैं।

हमारे शरीर में कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जैसे सूडो एक्सफोलिएशन जिसमें मोतियाबिंद ग्लूकोमा के साथ-साथ हाई सिलेंडर पावर भी होता है ऐसी स्थिति में मरीज को मोतियाबिंद,

ग्लूकोमा की सर्जरी के साथ-साथ टोरिक लेंस का प्रत्यारोपण भी सेम सीटिंग मे करना जरूरी होता है।

क्योंकि मरीज बार-बार सर्जरी कराने से बचना चाहते हैं और टोरिक लेंस के प्रत्यारोपण से ऑपरेशन के बाद सिलेंडर पावर खत्म हो जाता है और दूर का देखने के लिए चश्मे पर निर्भरता खत्म हो जाती है और विजन की क्वालिटी भी बहुत अच्छी होती है।

कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल में हम लोगों ने इसके लिए एक फार्मूला विकसित किया और उसकी ही प्रस्तुतीकरण अमेरिका की नेत्र सोसाइटी की वार्षिक कांफ्रेंस में की।

मेरा दूसरा रिसर्च पेपर इस बात पर आधारित है कि देश में 40 से 50% लोगों को हल्का एक डायेप्टर तक का सिलिंडर पॉवर होता है

अगर मोतियाबिंद ऑपरेशन के समय इसे नहीं हटाया गया तो ऑपरेशन के बाद दूर की दृष्टि के लिए सिलेंडर पावर लगता है और नजर की क्वालिटी भी बहुत अच्छी नहीं होती।

इस सिलेंडर पावर को हटाने के तीन तरीके हैं जैसे लेजर से कॉर्निया पर चीरा लगाना, इमेज गाइडेड सिस्टम के सहयोग से कॉर्निया पर चीरा लगाना या टोरिक लेंस का प्रत्यारोपण करना।

6 महीने के बाद किस पद्धति से रिजल्ट ज्यादा अच्छा होता है , दूसरा रिसर्च पेपर इस विषय पर आधारित था। जिसे वहां मौजूद विश्व के कोने-कोने से आए नेत्र चिकित्सकों ने बहुत सराहा।

डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि मुझे इस बात की बहुत खुशी है की अमेरिकन नेत्र कांफ्रेंस में झारखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व करने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ।

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