हेमंत सरकार विकास से सीधे जुड़े विभागों की अनदेखी कर रही है: प्रतुल शाह देव

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विकास कार्य करने वाले कई विभागों में अभियंताओं के महत्वपूर्ण पद रिक्त या प्रभार में

क्या सरकार को इन पदों के लिए ‘योग्य’ व्यक्ति नहीं मिल रहा?

RANCHI: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पर विकास से जुड़े महत्वपूर्ण विभागों की अनदेखी करने का बड़ा आरोप लगाया।

प्रतुल ने कहा कि हेमंत सरकार ने कई महीनो से जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग में अभियंताओं के महत्वपूर्ण पदों पर स्थाई नियुक्ति नहीं किया है।

पूरा सिस्टम प्रभार पर चल रहा है या ठप हो गया है।प्रतुल ने कहा कि इसके कारण बड़े टेंडर का निष्पादन नहीं हो रहा है और विकास की बड़ी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं।

प्रतुल ने कहा कि जल संसाधन विभाग की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है।

अभियंता प्रमुख के दो- दो पदों पर पूर्णकालिक नियुक्ति नहीं हुई है।

सिस्टम प्रभार पर है। जिसके कारण बड़े टेंडर का निष्पादन नहीं हो पा रहा है।

पथ निर्माण विभाग में भी अभियंता का जो प्रमुख पद है वह प्रभार पर चल रहा है और पूर्णकालिक नियुक्ति नहीं हुई है।

प्रतुल ने कहा कि भवन निर्माण विभाग में भी लंबे समय से मुख्य अभियंता का पद रिक्त है।

वर्तमान में अधीक्षण अभियंता को प्रभार देकर काम चलाऊ व्यवस्था लागू की गई है।

आरईओ में भी पूर्ण कालिक अभियंता प्रमुख का पद रिक्त है। प्रतुल ने कहा कि 5 करोड रुपए से ऊपर के टेंडर के लिए अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में टेंडर कमेटी निर्णय लेती है जिसमें मुख्य अभियंता और वित्त अधिकारी भी होते हैं।

प्रतुल ने हेमंत सोरेन सरकार से जानना चाहा कि क्या उनको इन पदों के लिए योग्य अभियंता मिल नहीं पा रहे हैं या सरकार ने योग्यता का कुछ और पैमाना तय किया है जिस पर कोई अभियंता खरा नहीं उतर रहा है।

विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली हेमंत सरकार के समय विकास की बड़ी योजनाओं की बहुत दयनीय स्थिति हो गई है।

इसलिए सरकार को रिक्त पदों और प्रभार पर चलने वाले पदों पर पूर्णकालिक अभियंताओं की नियुक्ति करनी चाहिए।

दलमा में सावन में प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं पर लगने वाला ‘जजिया’ टैक्स बंद हो

प्रतुल ने कहा कि हेमंत सरकार ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए सावन महीने में दलमा पहाड़ पर स्थित भोले बाबा के प्राचीन मंदिर में पैदल जाने वाले लोगों पर भी टैक्स लगा दिया है।

विभाग ने इसका विधिवत नोटिस भी जारी किया है। नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है की सावन के महीने को देखते हुए ये शुल्क लगाया जा रहा है।

प्रतुल ने कहा की डीएफओ सबा आलम इसे उचित कदम भी बता रहे हैं और इसको सही ठहरा रहे हैं।

हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित दलमा बाबा का शिव मंदिर बिहार, झारखंड ,बंगाल और उड़ीसा के लाखों श्रद्धालुओं का सावन में आस्था का केंद्र होता है।

पैदल चलने वालों पर भी सावन के महीने में सरकार ने टैक्स लगाकर अपने तुष्टिकरण की नीति दिखा दिया है।

प्रतुल ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह अविलंब इस तुगलकी फरमान को वापस ले वरना सनातनी सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

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