बंगाली एसोसिएशन झारखंड रांची का एक आवश्यक बैठक संपन्न

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RANCHI:  अल्बर्ट एक्का चौक रांची स्थित श्री दुर्गा बाड़ी के अतिथि शाला में बंगाली एसोसिएशन झारखंड रांची का एक आवश्यक बैठक संपन्न हुआ।

जिसकी अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष डॉ. शेखर चौधरी ने किया एवं संचालन रथिंद्र चटर्जी ने किया।

उपरोक्त बैठक को संबोधित करते हुए पूरे झारखंड से आए हुए आगंतुकों का बंगाली एसोसिएशन झारखंड रांची की ओर से विभाष सरकार ने सभी का स्वागत किया।
तत्पश्चात उक्त सभा में उपस्थित राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ मांझी एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा के सर्वमान्य  सुप्रियो भट्टाचार्य जी का विशेष स्वागत किया गया।

उपरोक्त बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय कमेटी के सुजीत घोष ने अपने वक्तव्य में कहा कि समस्त झारखंड में हमारी संस्था बांग्ला भाषा भाषी को लेकर विभिन्न जिला प्रखंड एवं अंचल के माध्यम से लगभग 41 जगह पर हमारा क्रियाकलाप सुचारू रूप से चल रहा है।

तत्पश्चात राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ मांझी ने अपने वक्तव्य में बतलाया कि हम सभी बांग्ला भाषा भाषी किसी और प्रदेश या किसी और देश से आए हुए प्रवासी नहीं है बल्कि हमारा वजूद आज झारखंड नामित राज्य में है।

जबकि यहां रचने बसने वाले एवं बोलने लिखने वाले बांग्ला भाषा भाषी चिर परिचित बंगाली है साथ ही हमारे पूर्वजों के द्वारा दिए गए ज्ञान, संस्कृति, सभ्यता एवं विचार को हम लोग आगे बढ़ने का काम करने का संकल्प लिया है।

समिति के सचिव असिम सरकार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज बांग्ला समाज अर्थात बंगाली झारखंड में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है जबकि चाहे वह झारखंड निर्माण की बात हो चाहे वह देश में स्वतंत्रता की बात हो।

बंगाली समाज ने अपना भरपूर योगदान दिया है इसी के मद्देनजर आज हमारे पुरोधा पुरुष रविंद्र नाथ टैगोर को विश्व गुरु के रूप में जाना जाता है।

साथ ही आजादी स्वरूप भारत के राष्ट्रगान एवं राष्ट्रीय गीत दोनों को सुसज्जित करने में बंगालियों का ही सर्वोच्च स्थान रहा है इसके बावजूद झारखंड जैसे प्रदेश में बांग्ला भाषा भाषी अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

अध्यक्ष डॉ. शेखर चौधरी ने कहा कि आपस में एक दूसरे के विषय में बातें ना कर बांग्ला समाज हित में क्या किया जाए यह चिंता का विषय है।

एवं आगे एक रणनीति बनाकर समाज के हम सभी सदस्यों को एक झुकता दिखाने के साथ-साथ कुछ कार्य रूप देने की आवश्यकता है तभी हम अपने समाज को किसी ऊंचे स्थान पर रख सकते हैं।

झामुमो के सुप्रिया भट्टाचार्य ने बतलाया कि बिना एक जूता के किसी भी कोई काम को अंजाम नहीं दिया जा सकता है, मैं झारखंड सरकार की ओर से आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि चाहे वह बांग्ला भाषा की पढ़ाई हो चाहे बांग्ला टीचर की बात हो जब तक हम में एक जूता नहीं होगी।

बंगाल के प्रति रुचि नहीं होगी हमारे आने वाले पीढ़ी को बंगाल के प्रति कोई रुचि नहीं होगी तब तक हम बांग्ला को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।

इसमें सबसे बड़ी कमी हम जैसे बंगालियों की है जिस आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ अच्छा करने की आवश्यकता है,

अंत में केंद्रीय कमेटी के भास्कर दत्ता ने सभा को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए अपने संबोधन में बतलाया कि झारखंड सरकार को यह जानना चाहिए कि समस्त झारखंड में सभी बांग्ला भाषा भाषी एक झूठ है।

जिसका प्रतिनिधित्व हम कुछ जिला के लोगों के साथ मिलकर बंगाली समाज के पुनरुत्थान हेतु जहां भी आवश्यकता होगी दिन-रात एक कर हम पूरे समाज के साथ खड़े हैं एवं जहां भी मेरी जरूरत होगी

 

मैं समस्त बंगाली परिवार के साथ एक मंच पर खड़ा रहुंगा।
आज के इस सम्मेलन सफल बनाने में सिद्धार्थ ज्योति राय,सेतांक सेन, राजा सेन गुप्ता, भास्वती मिश्रा, निलेश गुप्ता, मंतोष मजूमदार,प्रदीप राय,

राथिंद्र चटर्जी, विभाष सरकार, सजल बनर्जी, सत्यजीत दास गुप्ता, मौसमी भट्टाचार्य एवं अजाना मित्रा ने अपना भरपूर सहयोग दिया।
इस आशय की जानकारी कमेटी के प्रवक्ता प्रदीप राय ने दी।

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