रिम्स के CTVS विभाग में एक 75 वर्षीय महिला की सफल ओपन हार्ट सर्जरी

सर्जरी टीम का नेतृत्व CTVS विभाग के डॉ. राकेश चौधरी ने किया
RANCHI: रिम्स के CTVS विभाग में एक 75 वर्षीय महिला की सफल ओपन हार्ट सर्जरी की गई।
महिला का Mitral valve ख़राब हो गया था जिसे चिकित्सकीय भाषा में Sclerodegenerative Severe Mitral Stenosis कहते हैं।
मरीज़ को पिछले कुछ सालों से साँस फूलने, पैर में सूजन होने और धड़कन तेज होने की शिकायत थी। मरीज़ के इकोकार्डियोग्राफी व कार्डियक सीटी में इस बीमारी की पुष्टि हुई।
Sclerodegenerative Severe Mitral Stenosis में माइट्रल वाल्व degenerative प्रक्रिया की वजह से सिकुड़ने लगते हैं, वाल्व लीफलेट और आसपास के टिश्यू मोटे एवं सख्त होने लगते हैं।
खराब वाल्व में कैल्शियम जल्दी जम जाता है व उम्र के साथ साथ और खराब हो जाता है।
इस बीमारी का इलाज मुश्किल होता है क्योंकि कैल्शियम निकालते और खराब वॉल्व को बदलने के समय हार्ट ब्लॉक का ख़तरा होता है।
साथ ही इस स्थिति में बाएं atrium से बाएं ventricle में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और सांस लेने में कठिनाई, थकान और अनियमित हृदयगति जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
CTVS के चिकित्सकों द्वारा सफलतापूर्वक ओपन हार्ट सर्जरी करके मरीज़ के दिल के mitral वाल्व को बदल दिया गया।
और उसकी जगह Biological Tissue Valve लगाया गया है जो प्राकृतिक वॉल्व की तरह होते हैं और ऑपरेशन के बाद मरीज़ को दवा खाने की जरूरत नहीं होती है।
मरीज़ का आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया गया और अमृत फार्मेसी से ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आवश्यक सामग्री मंगवाई गयी।
Tissue वाल्व की क़ीमत ज़्यादा होती है और जर्मनी में बने इस वॉल्व की कीमत करीब दो लाख रुपये होती है। परन्तु रिम्स में यह सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत पूरी तरह नि:शुल्क की गई है।
सर्जरी के बाद मरीज़ की स्थिति में सुधार है और जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
सर्जरी टीम का नेतृत्व CTVS विभाग का डॉ. राकेश चौधरी ने किया।
सर्जरी टीम में निश्चेतना विभाग के प्रो (डॉ) शिव प्रिये, डॉ. नितेश कुमार और सीनियर रेजिडेंट डॉ रीना,डॉ पूर्वा, डॉ रवीना, डॉ पशुपति व डॉ प्रिया, ओटी असिस्टेंट राजेंद्र, सरोज और अभिषेक शामिल थे।