आर्य समाज,राँची में साप्ताहिक सत्संग का भव्य आयोजन,डेढ़-सौ से अधिक छात्रों-शिक्षकों की सहभागिता

RANCHI: स्वामी श्रद्धानन्द पथ स्थित आर्य समाज मंदिर,अपर बाजार,राँची में आज साप्ताहिक रविवारीय सत्संग का भव्य आयोजन अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।
इस विशेष अवसर पर राजधानी के डी.ए.वी. विद्यालयों से लगभग 150 छात्रों,शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया,जिससे सत्संग को गरिमा और व्यापकता प्राप्त हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य विमलेन्द्र शास्त्री जी के निर्देशन में वैदिक हवन से हुआ,जिसमें यज्ञ प्रेमियों ने समाज कल्याण,राष्ट्रोत्थान एवं विश्व शांति की कामना करते हुए आहुतियाँ प्रदान कीं।
इसके उपरांत प्रख्यात वैदिक विद्वान डॉ. प्रद्युम्न शास्त्री जी ने महर्षि दयानन्द सरस्वती के अमर ग्रंथ का भावपूर्ण पाठ प्रस्तुत किया।
उनके ओजस्वी वाणी से श्रोतागण वैदिक जीवन-दर्शन की गहराई में उतरते चले गए।
कार्यक्रम की भक्ति रस से सराबोर एक विशेष कड़ी रही—बरेली, उत्तर प्रदेश से पधारे आचार्य नेत्रपाल जी की संगीतमय भजन प्रस्तुति।
उन्होंने “जो नियम बनाए ऋषियों ने,उन्हें मानते रहियो” और “मानव चोला दिया प्रभु ने उत्तम कर्म कमाने को” जैसे प्रेरणादायक भजनों से वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
मुख्य वक्ता के रूप में पधारे राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता आचार्य आनंद पुरुषार्थी जी (होशंगाबाद, मध्यप्रदेश) ने अपने तेजस्वी उद्बोधन में सत्य, सदाचार और वैदिक जीवन शैली के माध्यम से आत्मिक उन्नयन और समाजोत्थान का प्रभावशाली संदेश दिया। उनका वक्तव्य श्रोताओं के हृदय में गूंजता रहा।
इस अवसर पर आर्य समाज,राँची के संरक्षक एस.एल. गुप्ता, प्रधान राजेन्द्र आर्य, मंत्री अजय आर्य, कोषाध्यक्ष संजय पोद्दार,प्राचार्य डी ए वी हेहल एस के मिश्रा सहित अनेक गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ और प्रसाद वितरण के साथ हुआ,जिससे उपस्थित सभी श्रद्धालु संतुष्टि और आत्मिक शांति का अनुभव करते हुए विदा हुए।