गिरता रुपया और उठता डॉलर,17 पैसे गिरा, 83.23 प्रति डॉलर आया
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मुंबई । अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 17 पैसे की गिरावट के साथ 83.23 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिकी मुद्रा में मजबूती के साथ ही विदेशी कोष की सतत निकासी का असर रुपए पर पड़ा। विदेश मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि घरेलू बाजार के नकारात्मक रुख ने निवेशकों की भावनाओं को भी प्रभावित किया।
इस संबंध में उल्लेखनीय है कि मंगलवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.21 प्रति डॉलर पर खुला और फिर 83.23 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 17 पैसे की गिरावट है। इससे पहले शुक्रवार को रुपया 83.06 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 107.11 पर आ गया।
रुपया क्यों गिरता है
पिछले 5 सालों की बात करें तो रुपये के वैल्यू में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 2018-19 में 1 डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 69.80 थी। 2019-20 में रुपये की वैल्यू टूटकर 74.90 हो गई। एक साल के बाद 2020-21 में रुपया थोड़ा मजबूत हुआ और 73.93 पर आ गया। 2021-22 में रुपया 1 डॉलर के मुकाबले 77.40 रुपये का था।
तो आखिर हमारा रुपया गिरा क्यों, किन कारणों की वजह से रुपये में गिरावट दर्ज की गई। किसी भी देश की करेंसी कभी भी एक वजह से नहीं गिरती। वैसे ही रुपये के गिरने के भी कई कारण हैं, जैसे कच्चे तेल की उच्च कीमतें, विदेशों में मजबूत डॉलर और विदेशी पूंजी का आउटफ्लो।
आप पर क्या होगा असर
अगर डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है तो सबसे पहले इसका असर आयात पर पड़ेगा। विदेश से चीजों को खरीदने में ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा, जिसकी वजह से आयात के बाद देश में वो चीजें भी आपको महंगी मिलेंगी।
उदाहरण के तौर पर- तेल, गैस, खाद्य और पेय पदार्थ जैसे क्षेत्र जो कच्चे माल का आयात करते हैं, उन्हें ये सारी चीजें मंहगे दामों पर खरीदनी पड़ेंगी, जिसके बाद आपको इन चीजों के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। इसका बोझ सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा।