दिल्ली-एनसीआर में कई चीजों पर बैन, AQI सुधारने के लिए नये नियम लागू
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में हर साल ठंड के दिनों में प्रदूषण बढ़ता है और यहां की हवा जहरीली हो जाती है।Commission for Air Quality Management (CAQM) को दिल्ली तथा दिल्ली से सटे इलाकों में हवा की गुणवत्ता को साफ करने का टास्क दिया गया है। सीएक्यूएम ने इसके लिए इस ऐक्शन प्लान में पहले से कई नए बदलाव भी किए हैं। कई बार तो यहां लोगों का सांस लेना दुभर हो जाता है। इस बीच अब दिल्ली-एनसीआर की हवा सुधारने को लेकर केंद्र सरकार के ग्रेडेड ऐक्शन प्लान को रविवार से लागू कर दिया गया है।
इससे पहले प्रशासन इन सभी प्रतिबंधों के अलावा निर्माण और ध्वस्तीकरण पर बैन लगाने, उच्च उत्सर्जन वाले वाहनों पर रोक, लकड़ी जलाने और कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध तब भी लगाता था तब हवा की गुणवत्ता एक विशेष स्तर तक पहुंच जाता था। GRAP ने जो नए बदलावों के साथ जो नियम लागू किये हैं उसके पहले चरण के तहत इस बात का ध्यान रखा गया है कि ओवरएज हो चुकी डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट औऱ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जो निर्देश दिये हैं उनका सख्ती से पालन किया जा सके।
नये बदलावों के तहत यह तय किया गया है कि अगर दिल्ली का Air Quality Index (AQI) 200 के पार चला जाता है तो दिल्ली-एनसीआर में पुरानी गाड़ियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लागू हो जाएगा। इसके अलावा होटलों में कोयले और लड़की जलाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा अगर AQI 400 के ऊपर चला जाता है तब ऐसी स्थिति में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल संचालित चार पहिया वाहनों पर भी तत्काल प्रभाव से दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में बैन लग जाएगा।
दूसरे और तीसरे चरण के तहत बने यह नियम
दूसरे चरण में वायु की गणुवत्ता 200 के स्तर पर पहुंचने पर होटलों और रेस्टुरेंटों में कोयले तथा लकड़ी के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही गई है। इसके अलावा इस चरण में वायु प्रदूषण के लिए हॉटस्पॉट माने जाने वाली जगहों पर भी हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कड़े उपाय किये जाने की बात कही गई है।
तीसरे चरण के तहत बीएस-3 पेट्रोल औऱ बीएस-4 डीजल संचालित चार पहिया वाहनों पर दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में बैन लगाया गया है। इसके अलावा वायु प्रदूषण को देखते हुए सीक्यूएएम की सलाह पर 5वीं क्लास तक के बच्चों के स्कूल को बंद रखने का फैसला भी लिया जा सकता है। अगर एक्यूआई 450 पर पहुंच जाता है तब सीएनजी या डीजल से चलने वाले वैसे वाहन जिनका रजिस्ट्रेशन दिल्ली से बाहर हुआ है उनपर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। हालांकि, इस दौरान जरूरी सेवाएं प्रदान करे वाले वाहनों को छूट मिलेगी। इसके अलावा GRAP के अलग-अलग चरणों में कई अन्य अहम प्रतिबंध भी लागू हैं।
6 साल में दूसरी बार सुधरा AQI
शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 167 दर्ज किया गया है। यह सूचकांक 1 जनवरी से 30 सितंबर के बीच का है। पिछले छह सालों में यह दूसरा मौका है जब इस अवधि में दिल्ली की हवा इतनी साफ दर्ज की गई है। इस अवधि के दौरान सिर्फ कोरोना महामारी के समय यानी साल 2020 में ही दिल्ली की हवा बेहतर दर्ज की गई थी। साल 2022, 2021, 2019 और साल 2018 में इस अवधि के दौरान दिल्ली का एक्यूआई 180-193 था। दिल्ली की हवा सुधारने की दिशा में डीजल जेनरेटरों पर बैन को लेकर भी समय-समय पर कार्य किये जाते हैं।