केंद्र सरकार पर ओवैसी ने किया तीखा हमला बोले-मैं भगवान राम की इज्जत करता हूं, लेकिन नाथूराम गोडसे से नफरत
नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण पर लोकसभा में चर्चा के दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पूछा कि क्या मोदी सरकार एक मजहब की सरकार है? ओवैसी ने सवाल किया कि क्या वे बाबर, औरंगजेब या जिन्ना के प्रवक्ता हैं? उन्होंने कहा कि वह भगवान राम की इज्जत करते हैं, लेकिन उन्हें महात्मा गांधी को गोली मारने वाले नाथूराम गोडसे से नफरत है।
अयोध्या में बने राम मंदिर को लेकर संसद में शनिवार को चर्चा हुई। इसमें विभिन्न दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया। ओवैसी ने संसद में पूछा, ”क्या मोदी सरकार क्या एक समुदाय या मजहब की सरकार है या फिर पूरे देश की सरकार है? क्या मोदी सरकार हिंदुत्व की सरकार है? मेरा मानना है कि देश का कोई मजहब नहीं है। क्या यह सरकार 22 जनवरी का पैगाम देकर यह बताना चाहती है कि एक मजहब को दूसरे मजहब पर कामयाबी मिली? 49, 86, 92, 2019 और फिर 2022 में धोखा दिया गया। हम पर इल्जाम लगा दिया गया है। क्या मैं बाबर का प्रवक्ता हूं या जिन्ना या फिर औरंगजेब का प्रवक्ता हूं?
एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने आगे कहा कि छह दिसंबर के बाद देश में दंगे हुए, जिसके बाद नौजवानों को जेल में टाडा में डाला गया जो कि बूढ़े होकर निकले। भले ही आपकी सरकार तब नहीं थी। ओवैसी ने आगे कहा कि मैं भगवान राम की इज्जत करता हूं, लेकिन नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं क्योंकि उसने उस शख्स (महात्मा गांधी) को गोली मारी जिसके आखिरी शब्द ‘हे राम’ थे।
‘अजनबी महसूस कर रहे भारत के मुस्लिम’
उन्होंने दावा किया कि आज भारत के 17 करोड़ मुसलमान अपने आप को अजनबी महसूस कर रहे हैं। मोदी सरकार मुसलमानों को यह पैगाम दे रही है कि जान बचाना है या इंसाफ चाहते हो। मैं कहता हूं कि मैं भीख नहीं मांगूंगा। मैं अपनी शिनाख्त को नहीं मिटने दूंगा और न ही वह काम करूंगा जो बीजेपी और यहां की ‘सेक्युलर’ पार्टियां चाहती हैं। मैं वह काम करूंगा जो आपको पसंद नहीं है जोकि संविधान के दायरे में रहकर है।
‘राम मंदिर बनते देखना और प्राण प्रतिष्ठा होना सौभाग्य की बात’
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सत्यपाल सिंह ने शनिवार को कहा कि इस कालखंड में तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे ‘युगपुरुष’ के सरकार में आने के बाद राम मंदिर बनते देखना और उसमें प्राण प्रतिष्ठा होना ऐतिहासिक और सौभाग्य की बात है। भाजपा सांसद सिंह ने लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि राम विभिन्न धर्मों और भौगोलिक सीमाओं से परे सबके हैं। उन्होंने कहा, ”मेरा अहोभाग्य है कि मुझे राम मंदिर के बारे में सदन में प्रस्ताव रखने का अवसर मिला। इस कालखंड में मंदिर बनते देखना और प्राण प्रतिष्ठा होना अपने में ऐतिहासिक है। भगवान राम सांप्रदायिक विषय नहीं हैं। श्रीराम केवल हिंदुओं के लिए नहीं, वो हम सबके पूर्वज और प्रेरणा हैं। राम के समय में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई अलग-अलग मत, पंथ नहीं थे।”