महिलाओं में शारीरिक सम्बन्ध और मेनोपॉज़ के बाद का रक्तस्राव, है खतरे का लक्षण

सर्वाइकल, ब्रेस्ट और मुहँ के कैंसर की व्यापक स्क्रीनिंग प्रशिक्षण का वृहत कार्यक्रम का आयोजन रांची सदर अस्पताल मे किया गया
9 से 45 वर्ष की महिलाओं के साथ साथ पुरुषों में भी एचपीवी टीका है जरुरी,
अप्राकृतिक शारीरिक सम्बन्ध से होने वाले मुहँ, मलद्वार एवं पुरुष जननांग के कैंसर से बचाता है एचपीवी टीका
RANCHI: 14 फरवरी को वीमेन डॉक्टर्स विंग आई. एम. ए. झारखण्ड ने रांची जिला के लिए सर्वाइकल, ब्रेस्ट और मुहँ के कैंसर की व्यापक स्क्रीनिंग के लिए सीएचओ, सहिया साथी एवं साहियाओं के लिए स्क्रीनिंग प्रशिक्षण का वृहत कार्यक्रम का आयोजन रांची सदर अस्पताल, रांची में किया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम क्रमवार तरीके से रांची जिले में कार्यरत 300 सीएचओ, 150 सहिया साथी एवं 3 हजार साहियाओं को दिया जाएगा।
दूसरे चरण में सोनाहातु प्रखंड में 22 मार्च को यह कार्यक्रम चलाया जाएगा।
आज 50 कम्युनिटी हेल्थ वर्कर को 10 ग्रुप में विभाजित करके वाया स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण दिया गया।
वाया स्क्रीनिंग में गर्भाशय ग्रीवा पर 5% एसिटिक एसिड लगाया जाता है और कैंसर के जो संदेहास्पद एरिया होते हैं वहां पर उजाले धब्बे आ जाते हैं।
इसके बाद 200 साहियाओं एवं 50 सीएचओ को ब्रेस्ट एवं मुहँ के कैंसर के लिए भी जाँच विधि, लक्षण और बचाव के बारे में भी बताया गया।
इस मौके पर सभी साहियाओं के बीच इससे सम्बंधित पम्प्लेट्स का भी वितरण किया गया।
इस अवसर पर इन तीनों कैंसर के लक्षण एवं बचाव से सम्बंधित पोस्टर की सहायता से इन तीनों कैंसर की स्क्रीनिंग कैसे की जाए, इससे भी अवगत कराया गया।
विमेन डॉक्टर्स विंग आई.एम.ए. झारखण्ड की चेयरपर्सन डॉ भारती कश्यप के नेतृत्व में डॉ रश्मि प्रासाद, डॉ सोनल, डॉ मनीषा चौधरी, डॉ मेघना, और डॉ सिम्मी महेश ने इस प्रशिक्षण अभियान में भाग लिया।
मौके पर रांची सिविल सर्जन, डॉ प्रभात कुमार और हॉस्पिटल मैनेजर सुश्री जिरेन और डीपीएम प्रवीण कुमार मौजूद थे।
रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि विमेन डॉक्टर विंग के साथ उन्होंने खूंटी, रामगढ़, रांची में भी व्यापक रूप से सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन पर काम किया है।
और अब साथ में मिलके ओरल और ब्रेस्ट कैंसर पर भी काम कर रहे है और ताकि रांची जिले की सभी सहिया साथी, सहियागण और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएं और कोई भी कैंसर एडवांस स्टेज में न जाने पाए
डॉ भारती कश्यप ने कहा कि क्रमवार तरीके से चलाए जा रहे इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है की जननांग संबंधी सूजन से ग्रसित 100% महिलाओं की पहचान की जा सके और उनका इलाज किया जा सके और कोई भी कैंसर हो शुरुआती तौर पर ही पकड़ में आ जाए।
और यह तभी संभव है जब पूरे राज्य की कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स यानी प्रशिक्षित नर्स और सहयोग का विशेष प्रशिक्षण हो जाए।
इसलिए पहले तो हम लोगों ने पूरे झारखंड की सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को दिल्ली कोलकाता और अमेरिका से आई कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा क्रमवार तरीके से प्रशिक्षण दिया।
और अब हम लोग कम्युनिटी हेल्थ वर्कर यानि प्रशिक्षित नर्स और सहियाओं को भी प्रशिक्षण दे रहे है ताकि जननांग संबंधी सूजन के 100% मरीज की पहचान हो सके।
और कैंसर की भी शुरुआती दौर में पहचान हो सके स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार और वूमेन डॉक्टर विंग के द्वारा बनाए गए झारखंड मॉडल जिसे हम लोगों ने 2021 में बनाया है।
वह इसी 100% जननांग संबंधी सूजन वाली महिलाओं की पहचान और इलाज पर आधारित है।
WHO की सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन नीति के तीसरे भाग का संशोधित रूप है Jharkhand modelजो विकासशील राज्यों के लिए बहुत ही अच्छा है।
इसके अंतर्गत प्रजनन क्षमता वाली 6% ऐसी महिलाओं की स्क्रीनिंग सुनिश्चित की गई है जिन्हें जननांग संबंधी सूजन के लक्षण है या जो सर्वाइकल कैंसर की हाई रिस्क कैटेगरी में आती है इससे जननांग संबंधी सूजन की 100% महिलाओं की स्क्रीनिंग संभव है।
इस आशय का पत्र एनआरएचएम द्वारा कई बार सिविल सर्जनों को भेजा गया है और यह भी सुनिश्चित किया गया है कि प्रसव के 3 महीने के बाद भी महिलाएं जब चेकअप के लिए आती है।
तो उसे समय उनकी और उनकी सहयोगी महिलाओं की भी जांच सुनिश्चित की जाए अगर उन्हें जननांग संबंधी सूजन के लक्षण है या सर्वाइकल कैंसर के लिए वह हाई रिस्क कैटेगरी में आती है।
इस झारखंड मॉडल से हम लोगों ने अब तक चार लाख 70000 हजार महिलाओं की जांच कर ली है।
खतरनाक लक्षण:
मेनो पोज के बाद की ब्लीडिंग और शारीरिक संबंध के बाद होने वाली ब्लीडिंग बहुत खतरनाक है।
बदबूदार वाइट डिस्चार्ज का तुरंत कराएं इलाज क्योंकि जननांग सम्बन्धी सूजन इसका कारण है जो आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकती है।
ब्रेस्ट में दर्द रहित गांठ या स्तन के ऊपर सिकुड़ी हुई चमड़ी या निपल से किसी भी तरह का डिस्चार्ज खतरे का संकेत है डॉक्टर की सलाह तुरंत लें।
मुँह में अगर सफ़ेद या लाल रंग का पैच है या ठीक ना होने वाला छाला है, तो तुरंत डॉक्टर के पास दिखाए।
मुहँ के कैंसर में कानों में भी दर्द, मुहँ के किसी हिस्से का बड़ा होना, खाना निगलने में तकलीफ, दांतों का कमजोर होना, आवाज में परिवर्तन इत्यादि हो सकता है.
रोकथाम:
1. तम्बाकू, धुम्रपान एवं शराब का निषेध कैंसर को रोकने के लिए बहुत जरुरी है।
2. सभी विवाहित अथवा यौन सक्रिय महिलाओं तथा प्रौढ़ महिलाओं को नियमित रूप से (विजुअल इंस्पेक्शन विथ एसिटिक एसिड) या पैप स्मियर टेस्ट के द्वारा जाँच करनी चाहिए।
3. सही जननांग स्वच्छता बनाये रखे।
4. स्वस्थ जीवन शैली, उचित शारीरिक वजन, संतुलित आहार और नियमित चिकित्सीय जाँच बहुत जरुरी है।