हेमंत सरकार की मईया सम्मान योजना का बंगाल कनेक्शन क्या है?: बिजय चौरसिया

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राज्य की असली मईया प्रखंडों की चक्कर काट रही हैं और राज्य के बाहर के बिचौलिए उठा रहे हैं योजना का नाजायज लाभ

RANCHi: हेमंत सरकार की महत्वकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में रोज नये नये फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं।

लाभुकों के भौतिक सत्यापन में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है।

इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता बिजय चौरसिया ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है।
श्री चौरसिया ने पूछा है कि हेमंत सरकार यह बताए कि मईया सम्मान योजना में बंगाल कनेक्शन क्या है। उन्होंने आशंका जताई कि पश्चिम बंगाल के जिस यूसुफ खान और सूफनी खातून के द्वारा फर्जीवाड़ा करने की बात कही जा रही है और उन दोनों का पश्चिम बंगाल का जो पता बताया जा रहा है जांच करने पर वो पता भी फर्जी हीं निकल सकता है।

आशंका है कि इस घोटाले और फर्जीवाड़े का तार कहीं देश के बाहर से भी न जुड़ा हो।

कहा कि यह सहज हीं समझा जा सकता है कि राज्य के एक एक जिले से बारह बारह हजार आवेदन हीं फर्जी भरे गए हों तो राज्य की असली मईया को यह लाभ कितना मिल रहा है!

श्री चौरसिया ने कहा कि योजना की असली हकदार राज्य की महिलाएं प्रखंडों के चक्कर काट रही हैं और बिचौलिए नाजायज तरीके से एकमुश्त योजना की राशि हड़प रहे हैं।

कहा कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा बगैर अधिकारियों के मिलीभगत के नहीं हो सकता है। हेमंत सरकार यदि राज्य की असली हकदार महिलाओं के प्रति थोड़ी भी संवेदना रखती हो तो इस मामले को गहनता से जांचकर दोषी अधिकारियों और कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करे, साथ हीं साथ योजना से छूटी हुई असली हकदार राज्य की महिलाओं को शीघ्रता से योजना का लाभ देने की कवायद करे।
बताया कि रोज एक एक प्रखंड में हजारों महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है और सरकार के द्वारा जारी मईया सम्मान योजना का पोर्टल कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है।

यहां बताते चलें कि झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मंईयां सम्मान योजना में एक बार फिर से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दरअसल, बंगाल के यूसुफ के बाद अब सूफनी खातून का मईया सम्मान योजना में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है।

जानकारी के मुताबिक, झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए लोग फर्जी तरीके से आवेदन करके मंईयां सम्मान योजना का लाभ ले रहे हैं।
खुलासा हुआ है कि एक-एक बैंक अकाउंट से मंईयां सम्मान के 94-95 आवेदन किये गये हैं।

श्री चौरसिया ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि मईया सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए लोग इस तरह का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।

इससे पहले भी बंगाल के ही यूसुफ का मामला सामने आया था, उसके बैंक अकाउंट से 95 आवेदन जुड़े थे।

श्री चौरसिया ने हेमंत सरकार से मांग की है कि राज्य की विधवा, दिव्यांग और वृद्धों के पेंशन राशि की बढ़ोतरी करते हुए उसे पांच हजार मासिक करे साथ हीं महीनों से रुके इनकी पेंशन राशि को शीघ्र भुकतान करे।

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