राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने रिमोट का बटन दबाकर झारखंड हाई कोर्ट के नये भवन का किया उद्घाटन

RANCHI: भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट के नये भवन का रिमोट का बटन दबाकर विधिवत उद्घाटन किया।

इस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाइ चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के जज अनिरुद्ध बोस और झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा उपस्थित थे।

झारखंड हाई कोर्ट के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन मौके पर स्वागत भाषण देते हुए झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि झारखंड के लिए बहुत गर्व का विषय है कि झारखंड हाई कोर्ट के नये भवन का उद्घाटन हो रहा है।

कम समय में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। उद्घाटन मौके पर राष्ट्रपति का आना गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि मातृशक्ति की पराकाष्ठा हैं हमारी राष्ट्रपति। कहा कि जब झारखंड हाई कोर्ट के नये भवन का शिलान्यास हुआ था उस समय आप झारखंड की राज्यपाल थी।

छह वर्षों के झारखंड के राज्यपाल के कार्यकाल में आपने कई बार इस भवन को लेकर समय समय पर जानकारी ली। एक सामान्य परिवार से निकलकर देश की सर्वोच्च पद पर आसीन होने के लिए आपको बधाई।

मुख्य न्यायाधीश ने कार्यक्रम में उपस्थित राज्यपाल राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवीई चंद्रचूड़, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल समेत अन्य अतिथियों का स्वागत किया।

छह सौ करोड़ की लागत से बना है झारखंड हाई कोर्ट का नया भवन, सुप्रीम कोर्ट से तीन गुणा बड़ा है कैंपस

झारखंड हाई कोर्ट का नया भवन छह सौ करोड़ की लागत से बनाया गया है। झारखंड हाई कोर्ट का नया कैंपस सुप्रीम कोर्ट से करीब तीन गुणा बड़ा है।

परिसर में विभिन्न प्रजातियों के के लगभग दो हजार पौधे लगाये गये हैं। यह देश का अबतक का सबसे बड़ा हाई कोर्ट भवन है। हाई कोर्ट के नये भवन को राज्य को समर्पित कर दिया गया है।

गर्मी छुट्टी के बाद नये हाई कोर्ट भवन में न्यायिक गति विधियां शुरु हो जायेगी। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बारत सरकार न्यायपालिका की जरुरतों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।

संविधान निर्माण के बाद से ही न्यायपालिका में कई बदलाव और प्रयोग हुए हैं, कई सुधार हुए हैं, 26 नवंबर 1949 को संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाया था। हम सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय की स्थापना करने जा रहे हैं। इतनी बड़ी कल्पना संविधान निर्माताओं ने की। हम अमृत महोत्सव मना रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायपालिका में आदिवासियों की कम संख्या चिंता का विषय है। न्यायिक सेवा की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए।

 

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