विद्यार्थियों के सर्वांगींण विकास में ध्यान एवं योग जरुरी : डॉ डीके शाही

बीएयू में हर दिल ध्यान हर दिन ध्यान कार्यक्रम का आयोजन
RANCHI: संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देश पर बीएयू में राष्ट्रीय सेवा योजना के अधीन कृषि संकाय के विद्यार्थियों के लिए एकदिवसीय ‘हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मौके पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डीन एग्रीकल्चर डॉ डीके शाही ने नये विद्यार्थियों के लिए एनएसएस ईकाई द्वारा कार्यक्रम के आयोजन की सराहना की।
विद्यार्थियों के सर्वांगींण विकास में ध्यान एवं योग की आवश्यकता पर बल दिया. कहा कि कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह के मार्गदर्शन में पुरे विवि में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों का प्रभावी संचालन हो रहा है।
देश एवं राज्य हित में तथा सफल भावी जीवन के लिए सभी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय सेवा योजना की विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाने की आवश्यकता है।
मौके पर यूनिवर्सिटी एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ बीके झा ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास को मजबुती प्रदान करना है।
कार्यक्रम का संचालन कमांडर पी रामाराव, जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी, गुमला द्वारा किया गया. विद्यार्थियों को ध्यान योग कला के अभ्यास में हार्टफुलनेश संस्था, रांची के पदाधिकारी दीपांकर चौहान ने सहयोग किया।
कमांडर रामाराव ने विद्यार्थियों को बताया कि ध्यान योग की शिथिलीकरण प्रक्रिया बहुत आसान है, यह हमारे शरीर, मन एवं आत्मा को एक साथ जोड़ता है और मन को शांत रखता है।
ध्यान को चिंता, तनाव और अवसाद के लक्षणों को कम करने में बेहद कारगर उपाय माना जाता है. ध्यान से हम स्वयं से जुड़ते हैं और जो हमारे जीवन के मूल्यों को पहचानने एवं निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
ध्यान से शरीर की आतंरिक क्रियाओं में विशेष परिवर्त्तन और शरीर की प्रत्येक कोशिका प्राणतत्व (ऊर्जा) से भर जाती है।
जिससे प्रसन्नता, शांति और उत्साह का संचार भी बढ़ जाता है. उन्होंने विद्यार्थियों को सही सोच, सही एवं उत्तम विचार, सही रास्ता और रास्ते से नहीं भटकने की सलाह दी।
कार्यक्रम में कृषि संकाय के 53 विद्यार्थियों ने भाग लिया. कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी (एग्रीकल्चर) डॉ आरपी मांझी ने दी. मौके पर एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी (वेटनरी) डॉ प्रवीण कुमार भी मौजूद थे।