कोरोना का कहर जारी फिर भी पाबंदिया नहीं – सरकार

(Bhopal) : मध्यप्रदेश में कोरोना ने रिकॉर्ड तोडा , फिर भी पाबंदिया नहीं है

तीसरी लहर सबसे संक्रामक है, अब मौतों के आंकड़े भी बढ़ने लगे हैं। हर उम्र में मौत हुई। एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि संक्रमण दर नहीं घटाई तो इसका असर लंबे समय तक देखने को मिलेगा। मार्च तक तीसरी लहर खिंच जाएगी। एक दिन में कोरोना के 11 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं। दूसरी लहर में 13 हजार के लगभग केस अधिकतम आए थे। यह रिकॉर्ड अगले एक-दो दिन में टूट सकता है। तीसरी लहर में पहली बार 5 दिन की बच्ची की भी मौत हो गई।

पहली लहर और सक्त पाबंदिया

लगातार 68 दिन (मार्च-मई 2020) तक लॉकडाउन रहा। 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ के बाद 25 मार्च को लॉकडाउन लगा दिया गया था, जो 31 मई तक रहा। लॉकडाउन के दौरान सबकुछ बंद रहा और टेस्टिंग पर ज्यादा जोर दिया गया। फर्स्ट वेव में सितंबर तक प्रदेश में 1 लाख 32 हजार 218 लोग संक्रमित हुए थे। वहीं, 2168 लोगों की मौत हुई थी। इसके चलते लॉकडाउन के बाद भी लगातार कार्रवाईयां होती रही। जून-सितंबर के बीच मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, भीड़ इकट्‌ठा करना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर 3 लाख लोगों के चालान बनाए गए। वहीं, गाइडलाइन के उल्लंघन पर 33 हजार 573 एफआईआर दर्ज की गई थी।

दूसरी लहर और पाबंदिया

मार्च, अप्रैल और मई (2021) में कोरोना पीक पर रहा। मौतों का ऐसा मंजर रहा कि अस्पतालों में कई लोग जिंदा पहुंचे, लेकिन बाहर उनकी लाश ही निकली। 12 अप्रैल को कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया, जो करीब एक महीने तक रहा। इसके बाद सरकार ने शादी-अंतिम संस्कार, स्कूल-कॉलेज, हॉस्टल, कोचिंग क्लासेस, स्विमिंग पूल बंद कर दिए और नाइट कर्फ्यू लगा दिया। एक दिन में एवरेज 12 हजार तक नए केस सामने आए।

तीसरी लहर तथ पाबंदिया सिर्फ नाम मात्र की

 कोलार, गोविंदपुरा और बैरागढ़ बड़े हॉट स्पॉट बन चुके हैं, पर कंटेनमेंट जोन एक भी नहीं बने हैं। शादियों में 250 मेहमानों की परमिशन है, लेकिन सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। जांच करने वाला कोई नहीं है। बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग गायब है। नाइट कर्फ्यू रात 11 से सुबह 6 बजे के बीच है, लेकिन सख्ती से पालन नहीं।  भोपाल में टेस्टिंग 7 हजार तक की जा रही है, लेकिन कॉन्टेंक्ट ट्रेसिंग नहीं हो रही।

 

श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर करते हुए कहा है कि हमे तीहरी लहर से सावधानी बरतते हुऐ लड़ना है पाबंदिया करने से लोगों का रोजगार , धंधे बन्द होते है

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