‘स्वामी प्रसाद मौर्य हैं बरसाती मेंढक’ – लोकेंद्र पाराशर
भोपाल। हमने मध्य प्रदेश, यूपी और देश भर की बड़ी राजनीतिक खबरों पर भाजपा मध्य प्रदेश के मीडिया प्रभारी श्री लोकेंद्र पाराशर जी से खास बातचीत की है। इस बातचीत के दौरान उन्होंने दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और राहुल गांधी पर एक से बढ़ कर एक कई हमले किए हैं।
एमपी में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा बहुत गरमाया हुआ है, कांग्रेस पार्टी भी समर्थन कर रही है। इस पर आपकी क्या राय है?
भारतीय जनता पार्टी ओबीसी के कल्याण को ठीक उसी प्रकार से देखती है, जैसे सामान्य वर्ग के कल्याण को देखती है, ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार से अनुसूचित जाति/जनजाति के कल्याण को देखती है। हमारा तो मंत्र है “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सब का प्रयास” लेकिन कांग्रेस ने अपने निहित स्वार्थ के लिए इस मुद्दे को जानबूझकर उठाया है। समाज को लड़ाना और राज करना कांग्रेस की नीति है। इसलिए पंचायत चुनाव के बहाने ओबीसी को जो डेंट (नुकसान) पहुंचाया गया उसको रोकने के लिए भाजपा काम कर रही है।
कमलनाथ जी ने हाल ही में ये कहा है की, यदि 2 महीने के भीतर चुनाव नहीं हुआ तो प्रदेश भर में इसका आंदोलन किया जाएगा।
कमलनाथ जी को यह बताना चाहिए कि परिसीमन करवाने के बाद 9 महीने तक चुनाव क्यों नहीं करवाया? कमलनाथ जी को चिट्टियां लिखना, आरोप लगाना, बेबुनियाद बातें करना अच्छा लगता है। उन्हें अपनी आयु का भी लिहाज नहीं रहता है, वो एक वरिष्ठ नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को चुनाव इसलिए टलवाना पड़ा क्योंकि कांग्रेस ने साजिश की। वो चुनाव के विरुद्ध न्यायालय गई। राहत नहीं मिलने की स्तिथि में कांग्रेस उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय का चक्कर लगाती रही। गवली प्रकरण महाराष्ट्र का उल्लेख जब आया, ओबीसी वर्ग के सीटों को सामान्य कर देने का निर्णय जब आया, तब एमपी की सरकार ने कहा कि ओबीसी समाज को छोड़कर पंचायत चुनाव नहीं हो सकते। कांग्रेस अपने षड्यंत्र में बेनकाब हुई है, लेकिन हमने अपना ही अध्यादेश वापस लेकर पंचायत चुनाव रोका है। बिना ओबीसी, सामान्य, एससी/एसटी समाज के प्रतिनिधित्व के बिना चुनाव नहीं होगा।
हाल ही में सज्जन सिंह वर्मा ने जिस तरह का आपत्तिजनक बयान माननीय राज्यपाल को लेकर दिया है, उस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
मुझे कई बार लगता है कि सज्जन सिंह वर्मा के माता-पिता को बहुत कष्ट होता होगा कि उन्होंने इस लड़के का नाम सज्जन क्यों रखा?! उन्होंने सारी मर्यादाएं तोड़ दी। वह हमेशा स्तरहीन बयानबाजी ही करते हैं। महामहिम राज्यपाल के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कोई नहीं करता। वह राजभवन के सामने खड़े होकर कह रहे हैं कि इससे तो राजपाल की मौत अच्छी। यह पंजाब में प्रधानमंत्री की मौत मांगते हैं, मध्यप्रदेश में राज्यपाल की मौत मांग रहे हैं। आप कितनी कलंकित चरित्र के लोग हैं। दिग्विजय सिंह इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे। क्योंकि उनके घर में भी उनकी पूछ-परख खत्म हो गई है। इसलिए मीडिया वाले भी उनको चलाते रहते हैं। इसलिए वो इस प्रकार की बेहूदा हरकतें करते हैं। इन बयानों के कारण ही वो समाज में जिंदा हैं, अन्यथा उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता।
युवा दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश की हर जिले में रोजगार मेला का आयोजन हो रहा है, इस मेले से युवाओं को किस प्रकार से लाभ मिलेगा?
हम हिंदुस्तानी लोग यह मानते हैं कि रोजगार का मतलब केवल सरकारी नौकरी होता है, लेकिन स्वरोजगार या प्राइवेट सेक्टर में जाना अथवा अपना उद्योग खड़ा करना भी रोजगार है। इस रोजगार मेले के माध्यम से आज 1 दिन में लगभग 5 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। माननीय मुख्यमंत्री जी भोपाल से इसका शुभारंभ करेंगे कोरोना के कारण इसे सभी जिलों में वर्चुअली आयोजित किया जाएगा। हम युवाओं का धारणा बदलना चाहते हैं कि केवल सरकारी नौकरी ही रोजगार नहीं है, आप रोजगार देने वाला भी बन सकते हैं।
10 तारीख से फ्रंटलाइन वर्कर और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज लगने लगे हैं। लेकिन 60 वर्ष से कम आयु के लोगों का क्या होगा?
फ्रंटलाइन वर्कर के ऊपर कोरोना के समय सबसे अधिक जिम्मेवारी रहती है, इसलिए उनको बूस्टर डोज लगवाना बहुत आवश्यक है और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में शारीरिक अक्षमता रहती है, इसलिए उन्हें ज्यादा खतरा रहता है। हमें खुशी है कि मध्य प्रदेश वैक्सीनेशन में नंबर वन है। मुख्यमंत्री जी ने भी वैक्सीनेशन करवाने के लिए घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित किया है।
जब पूरे देश में तेजी से कोरोना फैल रहा है, क्या ऐसे में स्कूल और कॉलेज को बंद नहीं किया जाना चाहिए?
अभी स्कूल और कॉलेज निर्धारित क्षमता से ही चल रही है। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा रहा है। अभी ऐसा लग रहा है कि जीवन और कोविड साथ-साथ चलेगा। यह पूरे विश्व की समस्या है। हालांकि ज्यादातर क्लास ऑनलाइन ही चल रही है।
उत्तर प्रदेश में अगले महीने से चुनाव है और कल ही यूपी कैबिनेट के एक मंत्री समेत चार विधायकों ने पार्टी छोड़ा है। क्या यह किसी बदलाव का इशारा है?
आप जिस कैबिनेट मंत्री की जिक्र कर रहे हैं वह तो हाथी से उतरकर कमल पर आए थे, अब कमल से उतरकर साइकिल पर चल गए, लेकिन वह अभी भी असमंजस में है क्योंकि साइकिल पंक्चर है। कल वो अखिलेश जी के बगल में खड़े थे, लेकिन उनसे हाथ तक नहीं मिलाया। ऐसे लोगों के लिए ही तो एक कहावत है “बरसाती मेंढक”।
बीजेपी छोड़ने वाले एक विधायक कहना है कि अभी 40 और विधायक उनके संपर्क में है।
ये शेख चिल्ली के हसीन सपने हैं। उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार योगी जी के नेतृत्व में बेहतर काम कर रही है। और मुझे पूरा विश्वास है कि बीजेपी को पहले से अधिक सीट मिलेगी।
दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट में बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि, ‘जब आप पंजाब में हारते हैं तो वहां के लोगों को खालिस्तानी बता देते हैं, बंगाल के लोगों को रोहिंग्या बता देते हैं, दिल्ली के लोगों को मुफ्तखोर बता देते हैं, क्या आप यूपी वालों के लिए भी कोई नया नाम सोच रहे हैं?’
https://twitter.com/digvijaya_28/status/1480715010854719488?t=WEJe4PN758TuT2LYl1RC1A&s=08
दिग्विजय सिंह के पास कोई काम नहीं है। खाली दिमाग शैतान का घर होता है। वह केवल ट्विटर पर चिड़िया उड़ाते हैं। दिग्विजय सिंह यह बताएं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की क्या स्तिथि है? मध्यप्रदेश में कांग्रेस की क्या स्थिति है? मध्यप्रदेश में कांग्रेस की अगली पीढ़ी कौन सी होगी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को ये बताना चाहिए।
आपने कल रात ट्वीट किया था कि, “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ, सुनने के बाद लड़का इस कदर डर गया है कि भारत लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।” आपको क्यों लगता है कि राहुल गांधी डरे हुए हैं?
https://twitter.com/LokendraParasar/status/1480942752422498305?t=56K_kCFJL3sGw2pbJkJIRQ&s=08
राहुल गांधी का ‘रणछोड़’ चरित्र है। जब भी कांग्रेस में कोई मुसीबत आती है तो वह विदेश चले जाते हैं। मजेदार बात यह है कि वह कहां जाते हैं वह बताते भी नहीं। वो Z सिक्योरिटी प्राप्त नेता है। वह संदिग्ध परिस्थितियों में गायब होते हैं यह न तो देश के लिए ठीक है ना उनके लिए। जब पांच राज्यों में चुनाव हो रही है, कांग्रेस पार्टी पूरी समाप्त हो गई है, राहुल गांधी को थोड़ा बहुत तो कांग्रेस पार्टी को बचाने का प्रयास करना चाहिए। या फिर बहन की बात सच है कि, मैं लड़की हूं केवल मैं ही लड़ सकती हूं, लड़का नहीं लड़ सकता है, इसलिए राहुल गांधी भाग गए।
5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का जिम्मेदार आप किसे मानते हैं?
यह बेहद दुखद विषय है। इस देश ने इंदिरा जी और राजीव जी के रूप में एक प्रधानमंत्री और एक पूर्व प्रधानमंत्री को खोया है। इसके बाद भी यदि कुछ लोगों की दृष्टि ऐसी है कि कोई फर्क नहीं पड़ता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री को जिस प्रकार से योजना पूर्वक आंदोलन करवाकर फ्लाईओवर पर फंसाया गया, यह दुखद है। डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी और मुख्यमंत्री को सूचना दी गई थी कि रूट डायवर्ट हो रहा है, इसके बावजूद व्यवस्था नहीं हुई। मुख्यमंत्री फोन नहीं उठाते हैं। क्या वह इंदिरा जी और राजीव जी के उस काला दिन को देखना चाहते हैं?
ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य जी की 108 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित होगी, इसके पीछे सरकार की क्या विजन है?
हम समाज को उसकी संस्कृति से जोड़ेंगे। तीर्थ यात्रा के बहाने व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह जाता है, वहां की संस्कृति को समझता है, समाज को समझता है और संस्कृति का विकास होता है। प्रतिमा से प्रेरणा मिलती है।