मध्य प्रदेश डूबा कर्ज के नीचे , हो रही 2000 करोड़ रुपये के स्टैचू लगाने कि तैयारी

एमपी के ओंकारेश्वर मे शिवराज सरकार दो हजार करोड़ रुपये खर्च कर आदि  शंकराचार्य का स्टैचू लगाने जा रही है । यह स्टैचू 108 फीट ऊंची होगी । कर्ज के बोझ तले शिवराज सरकार पर काँग्रेस इस प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठा रही हैं ।

अभी सरकार पर करीब ढाई लाख करोड़ रुपये का कर्जा है । साथ ही आने वाले दिनों मे और कर्ज भी ले सकती है ।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने परियोजना पर चर्चा के लिए पिछले सप्ताह आचार्य शंकर संस्कृतिक  एकता न्यास के स्वामी अवधेशनद  गिरी जी महाराज सहित प्रमुख संतों और ट्रस्ट के सदस्यों ने भाग लिया था ।

काँग्रेस को इस परियोजना पर संदेह है । साथ ही कहा की राज्य के बजट मे आवंटित होने के बाद ही वह इस पर चर्चा करेगी ।

वही यह प्रस्ताव इसे समय मे आया है , जब राज्य सरकार के कुल बजट से अधिक की राशि उस पर कर्ज है । राज्य का बजट 2.41 लाख करोड़ है लेकिन कुल कर्ज 2.56 लाख है । राज्य के हर व्यक्ति पर 34 हजार रुपये का कर्ज है । काँग्रेस मे कर्ज पर श्वेत पत्र की मांग की है ।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए , संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने स्वीकार किया की स्वास्थ का बुनयादी ढांचा आवश्यक था , लेकिन जोड़ने के लिए जल्दबाजी की , ” शंकराचार्य की प्रतिमा भी महत्वपूर्ण है और हम परियोजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है । यह पहले किया जाना चाहिए था । ”

27 दिसम्बर 2021 को , सरकारी थिंक टेनक  नीति आयोग ने 2019-20 के लिए अपने स्वास्थ सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया , जिसमे समग्र स्वास्थ प्रदर्शन के आधार पर राज्यों की रैंकिंग की गई ।  बड़े राज्यों मे समग्र स्वास्थ प्रदर्शन के मामले मे मध्य प्रदेश 17 वे  स्थान पर था , जबकि केरल सूची मे सबसे ऊपर है ।

इससे फेले पिछले साल नवंबर मे , नीति आयोग के पहले बहुआधमी गरीबी सुचानक ने मध्य प्रदेश को भारत का चौथा सबसे गरीब राज्य घोषित किया था , जिसकी एक तीहाई आबादी गरीबी मे जा रही है ।

उषा ठाकुर ने कहा , ‘पहले चरण मे करीब 750 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है । ‘

 

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