स्वामी विवेकानंद की जयंती पर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस ?
राष्ट्रीय युवा दिवस (national youth day 2022) हर साल 12 जनवरी को मनाया जाता है ।
आज ही के दिन यानि 12 जनवरी ,1863 को युवाओं के प्रेरणाश्रोत स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था । कोलकाता में जन्मे विवेकानंद की आज 159वी जयंती है, जो पूरी दुनिया में अपनी फिलोसॉफी के लिए फेमस भी हुए ।
शुरुआत :
संयुक्त राष्ट्र सभा के द्वारा सन् 1984 से ‘अन्तराष्ट्रीय युवा दिवस’ मनाने की शुरुआत हुई । इसी के पश्चात विवेकानंद के जीवन को खास मानते हुए भारत सरकार द्वारा 12 जनवरी 1984 से उनके जन्मदिन को ‘ राष्ट्रीय युवा दिवस ’ के रूप मे मनाने की घोषणा की गई और अगले साल से यह परंपरा बन गई ।
महत्व :
वास्तव में स्वामी विवेकानंद आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि है । विशेषकर भारतीय युवकों के लिए स्वामी विवेकानंद से बढ़कर दूसरा कोई नहीं हो सकता । फिलोसॉफी ,धर्म ,लिटरेचर, वेद, पुराण, उपनिषद से लेकर लॉ जैसे विषयों की अच्छी समझ रखने वाले स्वामी विवेकानंद जी का मानना था कि प्रेरित युवा ही असली शक्ति है । युवा अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर ही अपने लक्ष्य हासिल कर सकते है ।
प्रतिधिनित्व :
तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद ने सन् 1893 में शिकागो ,अमेरिका के विश्व धर्म सम्मेलन में हिन्दू धर्म का प्रतिनिधत्व किया और सनातन धर्म को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई । गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने एक बार कहा था – यदि आप भारत को जानना चाहते है तो विवेकानंद को पढिये। उनमे आप सब कुछ सकारात्मक ही पाएंगे , नकारात्मक कुछ भी नहीं ।
विवेकानंद के अनमोल वचन :
- उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता ।
- एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ ।
- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है ।
- चिंतन करो , चिंता नहीं , नए विचारों को जन्म दो ।