‘ भारतीय राजनीति में सेवा, संवेदना और संस्कृति’ पर विमर्श और विलक्षण जननायक’ पुस्तक का विमोचन किया गया।

9 जनवरी को भोपाल स्थित मिंटो हॉल में स्वदेश का स्वर्ण जयंती समारोह और विलक्षण जननायक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

मुख्य अथिति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जीवन पर आधारित ‘ भारतीय राजनीति में सेवा, संवेदना और संस्कृति’ पर विमर्श और ‘विलक्षण जननायक’ पुस्तक का विमोचन किया गया।


मुख्यमंत्री ने श्री अटल बिहारी वाजपायी जी और मामा माणिकचंद जी के हाथो जो परंपरा स्थापित की, उस यात्रा को नमन करते हुए उन्होंने स्वदेश की 7 दशक की यात्रा को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब बाजार आधारित पत्रकारिता का चलन है, तब भी स्वदेश में मूल्य आधारित पत्रकारिता को जारी रखते हुए इसकी पहचान कायम रखी। स्वदेश को मैं बधाई देता हूं।

मुख्यमंत्री ने भारतीय संस्कृति का बखान करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में बचपन से ही श्रीरामचरितमानस, श्रीमद्भागवत गीता आदि ग्रंथों की शिक्षा दी जाती है। गांव में उनके बाल्यकाल के दौरान भी हमारी रुचि ग्रंथों में थी। बचपन के दिनों में उन्होंने कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए जो संकल्प लिए उसकी प्रेरणा धार्मिक ग्रंथों से ही मिली। लाडली लक्ष्मी योजना, गांव की बेटी, बेटियो को साइकिल जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम किया। और सौभाग्य से लाडली लक्ष्मी योजना को आज देश के विभिन्न राज्यों ने अपनाया है।

अंत में उन्होंने कहा कि एक ही चेतना सब में है अगर यही भाव ठीक ढंग से सब अपने अंदर उजागर कर ले तो तेरा-मेरा का झगड़ा ही समाप्त हो जाएगा।

मानवता के कल्याण के लिए ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की प्रतिमा स्थापित की जा रही है, जिससे इस कल्याणकारी मंत्र का प्रसार होगा।

खबरें एक नजर में….