कजाकिस्तान की सरकार तेल से गिरी
कजाकिस्तान में तेल ने गिरा दी सरकार: फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन; इमरजेंसी लागू, PM ने दिया इस्तीफा
कजाकिस्तान में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन की वजह से सरकार को इस्तीफा देना पड़ा। कजाकिस्तान के प्रधानमंत्री अस्कर ममिन ने बुधवार को राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट तोकायेव को इस्तीफा भेजा जिसे स्वीकार कर लिया गया। राष्ट्रपति ने अलीखान समाईलोव को कार्यवाहक प्रधानमंत्री भी नियुक्त कर दिया है।
इसके साथ ही देश में 5 जनवरी से 19 जनवरी तक इमरजेंसी लगा दी गई है। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति ने कहा- कजाकिस्तान रिपब्लिक के अनुच्छेद 70 के तहत मैं सरकार का इस्तीफा स्वीकार करता हूं। नई सरकार बनने तक वर्तमान सरकार के सदस्य अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे। इसके अलावा गरीब परिवारों को सब्सिडी देने पर भी विचार करने का आदेश दिया गया है।
लोगों से घर में रहने की अपील
कजाकिस्तान में इमरजेंसी के दौरान हथियार, गोला-बारूद और शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही आम लोगों से घर में ही रहने की अपील की गई है। गाड़ियों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है। राष्ट्रपति ने देश की फाइनेंसियल कैपिटल अल्माटी और मंगिस्टाऊ में भी रात 11 से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू का ऐलान किया है। सरकार को देश में तेल की कीमतों को रेगुलाइज करने का भी आदेश दिया गया है।
मांगिस्ताऊ प्रांत से शुरू हुआ था आंदोलन
मंगलवार को सरकार ने LPG की कीमतों पर लगी सीमा हटाकर इसे कंपनियों के हवाले कर दिया था। इसके बाद तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई। जिस वजह से देश में बहुत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। आंदोलन की शुरुआत मांगिस्ताऊ प्रांत से हुई, जिसके बाद सारे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
हिंसक विरोध प्रदर्शन को लेकर राष्ट्रपति तोकायेव ने कहा है कि सरकारी ऑफिसों पर हमला करना पूरी तरह से गलत है। हम एक दूसरे बीच भरोसा और बातचीत चाहते हैं, विवाद नहीं।
सोवियत यूनियन का हिस्सा था कजाकिस्तानसो
वियत यूनियन का हिस्सा रहे कजाकिस्तान ने 1991 में खुद को एक अलग देश घोषित कर दिया था। कजाकिस्तान के लोग कोरोना महामारी की वजह से पहले ही आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। जब मंगलवार को फ्यूल प्राइज में बढ़ोतरी हुई तो लोगों का गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया।