आखिर क्यों सरकारी कॉलेजों के मुकाबले पिछड़ा हुआ है सरकारी स्कूल

हमारे देश में बहुत सारी सरकारी स्कूले हैं कॉलेज हैं। कॉलेजों मे पढ़ने के लिए एंट्रेंस दिया जाता है क्योंकि सीट लिमिटेड है वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूल में कोई नहीं पढ़ना चाहता दोनों सरकार द्वारा ही चलाए जाते हैं पर दोनों में धरती आसमान का अंतर है सरकारी स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर इतने अच्छे नहीं होते हैं। वहीं अगर बात करें सरकारी कॉलेज में तो बहुत सारी सुविधाएं मिलती है इसलिए सभी स्टूडेंट चाहते हैं हमारा सरकारी कॉलेज में एडमिशन हजाए। ताकि कम फीस में उसे अच्छी सुविधाएं मिल जाए।

सरकारी स्कूल में पढ़ाना सब चाहते हैं पर पढ़ना कोई नहीं चाहता बड़े-बड़े नेताओं के बेटे बड़े-बड़े स्कूलों में पढ़ते हैं पर जो बड़ी स्कूल की फीस नहीं दे पाते वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं इसी कारण कई बच्चों को शुरुआती पढ़ाई अच्छे से नहीं मिल पाती है। आखिर क्यों नहीं सरकार सरकारी स्कूलों को सरकारी कॉलेजों जैसा बनाती है जिस तरह सरकारी कॉलेज में फैसिलिटी मिलती है उस तरह सरकारी स्कूल में मिले ताकि गरीब के बच्चे भी अपनी पढ़ाई अच्छे से कर पाए और देश को आगे लेकर जाने में योगदान दें।

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