नए साल के आगमन के बीच ओमीक्रॉन का खतरा !
आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये मैं आशा करता हूँ की यह आने वाला साल आपको सुख , शांति , अच्छा स्वस्थ दे । मुझे उम्मीद हैं आपने नये साल का स्वागत बड़े ही धूम-धाम से और खुशियों के साथ किया होगा ।
लोगों को व्हाट्स एप पर happy new year का मैसेज भेज कर बधाई भी दी होगी मगर क्या यह Happy होने का समय हैं ?
क्या हम आने वाले खतरे को नहीं देख पा रहे हैं ?
जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ कोरोना के नये वेरीअन्ट ओमीक्रॉन की जो भारत मे सक्रिय होता जा रहा । देश मे ओमीक्रॉन की वजह से तीसरी लहर की आशंका लगाई जा रही हैं ।
भारत मे रविवार को पिछले 24 घंटे मे कुल 27,000 मामले सामने आए और 406 लोगों ने अपनी जान गवाई ,जिसे मरने वालों का कुल आकड़ा 4,81,486 पहुच गया । साथ ही साथ मौजूद केस लोड 1,00,000 के पार जा चुका है और 1,04,781 हो चुका हैं ।
भारत मे ओमीक्रॉन वेरीअन्ट के मामले के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं जिसकी कुल संख्या 1,431 हो गई हैं । ओमीक्रॉन संक्रमण अब भारत के 23 राज्यों मे फैल गया है । 453 मामलों के साथ महराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है ,इसके बाद दिल्ली मे 351 संक्रमण हैं ।
IIT KANPUR के विशेषज्ञों के अनुसार भारत मे तीसरी लहर 3 फरवरी से पीक पर आएगी ।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कोरोना ने तबाही मचाना शुरू कर दिया हैं । अमेरिका मे एक दिन मे 4,00,000 और UK मे 1,50,000 से ऊपर कोरोना के मामले सामने आ रहे है । तो क्या यह भारत के लिए चिंता का विषय नहीं हैं ?
WHO लगातार बूस्टर डोस लगवाने की बात कर रही है । पर भारत मे इसकी कोई चर्चा नहीं हो रही है हलकी प्रीकॉशन डोस का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने जो सिर्फ हमारे डॉक्टर्स और फ्रन्ट लाइन वर्कर्स और 60 साल के उम्र के ऊपर के लोग डोकटोरस की राय लेकर 10 जनवरी से ले सकेंगे ।
पर मेरा एक सवाल प्रधानमंत्री जी से हैं भारत युवाओ का देश है क्या यहा उनकी जान की कोई कीमत नहीं हैं ?
WHO की मुख्य वज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है की ओमीक्रॉन संकट के के बीच भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती चिकित्सा देखभाल की अचानक आवश्यकता होगी।
आप और मैं हम सब जानते है की कोरोना की जब दूसरी लहर आई थी उस वक्त भी प्रधानमंत्री जी ने यह घोषणा कर दी थी की हुमने कोरोना पर बिना vaccination और टीका लगाए कोरोना पर जंग जीत हासिल कर ली हैं । फिर अप्रैल और मई मे क्या हुआ आप सब जानते हैं । बड़ी तदाग मे आक्सिजन और बेड की कमी के वजह से लाखों लोगों की मौत हुई थी ।
अभी सरकार ओमीक्रॉन को लेकर सक्रिय नहीं है । मैं जनता हूँ की खबरों और विशेषज्ञों के अनुसार ओमीक्रॉन उतना गंभीर नहीं है जितना डेल्टा वेरीअन्ट था बहुत अच्छी बात है मगर आप को यह भी याद होगा डेल्टा वेरीअन्ट के बारे मे भी कुछ एसी ही बात की गई जिसने दूसरी लहर मे तबाही मचाई थी की यह उतना घातक नहीं होगा । फिर आपने देखा हालात बद से बत्तर हुए ।
एसे मे अगर ओमीक्रॉन दूसरी लहर जैसे देश मे तबाही मचाता है तो जवाब दही किसकी होगी ?
क्योंकि इस सरकार का पूरा ध्यान तो उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड और पंजाब मे चुनाव जीतने मे है ।
एक तरफ सरकार बड़ी – बड़ी बाते करती है पर वही करनी और कथनी का फर्क हैं । एक ओर सरकार ख रही हैं प्रदेशों से कोरोना के लिए वार रूम्स बनाने को नाइट कर्फ्यू लगाने को ख रही है और दूसरी तरफ आप अगर प्रधानमंत्री जी की सभाए देखनेगे या अमित शाह का बरेली का रोड शो या अखिलेश यादव की सभाए देखे भाड़ी भीड़ उमर्ती है और किसी के फैस पर कोई मास्क नहीं न ही किसी प्रकार सामाजिक दूरी का पालन नहीं होता हैं ।
पर मेरा एक सवाल आप सभी से भी है क्या आप सभी मास्क पहनते है ? या सामाजिक दूरी का पालन करते है ?
एक बात तो हुमए भी समझनी होगी की कोरोना को हम तभी मात दे सकते है जब सरकार और जनता दोनों साथ मिलकर इसका सामना करेंगे ….
इसलिए आप सभी से गुजारिश करूंगा की मास्क पहनिए ,सामाजिक दूरी बनाए और जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले ।