ताइवान की राष्ट्रपति की चीन को स्पष्ट संदेश: ड्रैगन से करेंगे मुकाबला, लोकतंत्र जीवित रहेगा

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन चीन के सामने घुटने टेकने को तैयाए नहीं है। चीन की ओर से लगातार बढ़ते दवाब के बीच उन्होंने अपनी लोकतंत्र और आज़ादी को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है। नए साल में राष्ट्रपति ने एक बयान दिया है कि, “लोकतंत्र और स्वतंत्रता कोई अपराध नहीं है, और ताइवान हांगकांग को सपोर्ट करता रहेगा। अपनी चिंता दिखाने के अलावा, हम अपनी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता को संजोकर रखेंगे और लोकतंत्र को और भी मजबूत बनाएंगे।”

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा, “हम ताइवान को और बेहतर बनाएंगे और दुनिया को दिखाएंगे कि लोकतांत्रिक ताइवान में सत्तावादी चीन की छाया से बाहर निकलने का साहस है और हम दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।”

गौरतलब है कि दशकों के अलग शासन के बाद भी चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। ताइवान ने अमेरिका सहित अन्य लोकतंत्रिक देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है। चीन ताइवान को युद्ध की धमकी भी देता रहा है।

चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने अक्टूबर महीने के पहले चार दिनों में 150 के क़रीब प्लेन ताइवान के हवाई क्षेत्र में भेजे थे। चीन की मीडिया ने इसे शक्तिप्रदर्शन के तौर पर दिखाया, लेकिन दुनियाभर की मीडिया ने इसे ताइवान को डराने की साजिश बताया था।

 चीन की ओर से लगातार बढ़ते डिप्लोमैटिक दबाव के बीच, दुनिया तक अपनी बात पहुंचाने के लिए साई इंग-वेन स्वतंत्रता और लोकतंत्र को मुद्दा बनाकर पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा, “वैश्विक रिश्तों, आर्थिक गति को बनाए रखना, हमारे सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना और हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करना 2022 में स्थिर शासन के लिए हमारी योजना के चार स्तंभ हैं।”

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